इजरायल की कैबिनेट ने गाजा में युद्धविराम समझौते को मंजूरी दी, नेतन्याहू ने हमास को जिम्मेदार ठहराया
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कैबिनेट ने 7 घंटे से ज्यादा चली बहस के बाद गाजा में युद्धविराम और बंधक समझौते को मंजूरी दे दी है। इस समझौते के तहत फिलिस्तीनी कैदियों के बदले 33 इजरायली बंधकों को रिहा किया जाएगा। इससे पहले सुरक्षा कैबिनेट में भी इस समझौते पर मुहर लग चुकी थी। हालांकि, इस समझौते के दौरान कैबिनेट में मतभेद भी सामने आए, जिसमें 8 मंत्रियों ने इसके खिलाफ वोट डाला।
युद्धविराम पर कैबिनेट की लंबी बहस
शनिवार रात 1 बजे इजरायल की सरकार ने गाजा में युद्धविराम और बंधक समझौते को मंजूरी दी। कैबिनेट की बैठक में 7 घंटे तक बहस चली और अंत में 24 मंत्रियों ने इसके पक्ष में और 8 मंत्रियों ने इसके खिलाफ मतदान किया। हालांकि, इस बैठक की शुरुआत शुक्रवार दोपहर 3:30 बजे तय की गई थी, लेकिन सुरक्षा कैबिनेट की चर्चा के कारण यह शाम 6:30 बजे के बाद शुरू हो सकी। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद युद्धविराम को रविवार से लागू किए जाने की संभावना है। समझौते के पहले चरण में 33 इजरायली बंधकों को रिहा किया जाएगा।
सुरक्षा कैबिनेट में भी मिली मंजूरी
इसके पहले शुक्रवार को इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने युद्धविराम समझौते को मंजूरी देने की सिफारिश की थी। हालांकि, सुरक्षा कैबिनेट के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन ग्विर और वित्तमंत्री बेजलेल स्मोत्रिच ने सौदे के खिलाफ मतदान किया। दोनों नेताओं ने इस समझौते की मंजूरी मिलने पर सरकार से इस्तीफा देने की धमकी दी थी। बावजूद इसके प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस समझौते की पुष्टि की।
ट्रंप का इजरायल को पूरा समर्थन
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कैबिनेट को बताया कि नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल को यह सुनिश्चित किया है कि अगर हमास समझौते का उल्लंघन करता है, तो इजरायल युद्ध शुरू कर सकता है। नेतन्याहू ने यह भी बताया कि ट्रंप इजरायल को हथियारों की सप्लाई पर लगी रोक को हटा देंगे, जिसे बाइडन प्रशासन ने लगाया था।
हमास को जिम्मेदार ठहराया
नेतन्याहू ने समझौते में देरी के लिए हमास को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि “कोई डील नहीं हुई क्योंकि हमास ने किसी भी सौदे का विरोध किया। हालांकि, हमारे लड़ाकों की बहादुरी और क्षेत्र में हमारे कार्यों के कारण स्थिति बदल गई। हमास इस थिएटर में अलग-थलग था और परिणामस्वरूप वह झुक गया और इस सौदे पर सहमत हो गया।”
इस समझौते के बाद अब गाजा में शांति स्थापित होने की उम्मीद है, लेकिन समझौते के दूसरे चरण में अगर हमास ने इसे तोड़ा, तो इजरायल का रुख कठोर हो सकता है।