पाकिस्तान को मिलेगा करारा जवाब: भारत के 5 बड़े फैसलों का मतलब
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कूटनीतिक एक्शन लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक (CCS) के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए पांच सख्त फैसले लिए हैं। ये फैसले साफ दिखाते हैं कि अब आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इन फैसलों की पुष्टि की। आइए, जानते हैं इन 5 फैसलों का मतलब क्या है।
पाक नागरिकों के वीजा रद्द – अब भारत में प्रवेश नहीं
सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों को दिए गए सभी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। इसके तहत SPES वीजा को भी निरस्त कर दिया गया है। अब भारत में मौजूद पाक नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है। यह कदम पाकिस्तान के साथ हर तरह के संपर्क को खत्म करने की दिशा में उठाया गया है।
अटारी बॉर्डर सील – सीमाओं पर मूवमेंट रोका गया
भारत-पाकिस्तान के बीच स्थित अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। इस फैसले से दोनों देशों के बीच आम लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लग गई है। जो लोग पहले ही सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले लौटने का मौका दिया गया है। इसके बाद दोनों देशों के बीच सीधी सीमापार मूवमेंट ठप हो जाएगी।
सिंधु जल संधि स्थगित – पाकिस्तान प्यासा रहेगा
भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को भी तत्काल प्रभाव से रोकने का ऐलान किया है। इसका मतलब है कि अब पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब जैसी पश्चिमी नदियों का पानी नहीं मिलेगा। यह फैसला पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और कृषि पर सीधा असर डालेगा, क्योंकि वहां की बड़ी आबादी इन्हीं नदियों पर निर्भर है।
पाकिस्तान हाई कमीशन बंद – राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश
दिल्ली में मौजूद पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद करने का फैसला लिया गया है। साथ ही वहां कार्यरत रक्षा, सैन्य, वायुसेना और नौसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर दिया गया है, यानी अब वे भारत में नहीं रह सकते। उन्हें एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ना होगा।
इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास भी बंद – सभी अधिकारी वापस बुलाए जाएंगे
भारत ने भी इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग को बंद करने का फैसला लिया है। सभी भारतीय राजनयिक और कर्मचारी वापस बुलाए जाएंगे। यह एक बड़ा कूटनीतिक कदम है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में बेहद गंभीर दरार आ गई है।
इन सभी फैसलों का सीधा संदेश यही है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा। पाकिस्तान को इन कदमों से भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव और आंतरिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ सकता है। भारत का यह रुख साफ करता है कि अब कार्रवाई का समय है, और शब्दों से ज्यादा असर कदमों से पड़ेगा।