दोस्ती से शुरू हुआ विवाद, हत्या तक पहुंचा मामला
कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी नरवाल और सचिन के बीच गहरी दोस्ती थी। सचिन का उसके घर आना-जाना लगा रहता था, और कभी-कभी वह वहीं रुक भी जाता था। परिजनों को भी इसकी जानकारी थी और वे इस रिश्ते से अनभिज्ञ नहीं थे।
रुपये के लेनदेन को लेकर हुआ झगड़ा
28 फरवरी को सचिन हिमानी के घर आया था। दोपहर करीब 12 बजे दोनों के बीच रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि सचिन नाराज होकर वहां से चला गया, लेकिन वह रोहतक में ही रुका रहा।
दोबारा घर आकर किया कत्ल
शाम करीब 4 बजे सचिन दोबारा हिमानी के विजय नगर स्थित घर पहुंचा। बातचीत के दौरान फिर से बहस छिड़ गई और मामला इतना बढ़ गया कि हाथापाई हो गई। हिमानी ने गुस्से में सचिन को थप्पड़ मार दिया, जिससे वह आगबबूला हो गया। गुस्से में आकर सचिन ने मोबाइल चार्जर के तार से हिमानी का गला घोंटकर हत्या कर दी।
शव को सूटकेस में भरकर ठिकाने लगाने की कोशिश
हत्या के बाद सचिन ने शव को बेड पर रजाई से ढक दिया और शव को छिपाने का तरीका सोचने लगा। इसी दौरान उसकी नजर कमरे में पड़े सूटकेस पर पड़ी। उसने सूटकेस में रखे कपड़े निकालकर हिमानी का शव उसमें भर दिया। लेकिन शव को ठूंसने के कारण उसके हाथ-पैर मुड़ गए थे।
रात में शव को ठिकाने लगाने निकला हत्यारोपी
रात को सचिन हिमानी के शव को लेकर रोहतक से सांपला की ओर निकल पड़ा। वह बिना किसी परेशानी के पुलिस नाकाबंदी से बचकर शव को ठिकाने लगाने में कामयाब रहा।
हत्या के बाद घर लौटकर बना रहा सामान्य
1 मार्च की सुबह करीब 3 बजे सचिन हिमानी के घर वापस लौटा, लेकिन भीड़ देखकर दूर से ही लौट गया। उसे भरोसा था कि कोई उस पर शक नहीं करेगा। सुबह वह अपनी बाइक से निजी फाइनेंस कंपनी पहुंचा और हिमानी के गहने गिरवी रखकर दो लाख रुपये ले लिए।
मोबाइल सर्विलांस से पकड़ा गया सचिन
हिमानी अक्सर बाहर रहती थी, लेकिन जब घरवालों ने उससे संपर्क करने की कोशिश की और जवाब नहीं मिला, तो उनकी चिंता बढ़ गई। पुलिस ने जांच शुरू की और हिमानी के मोबाइल को सर्विलांस पर लिया। लोकेशन ट्रेस करने पर पता चला कि उसका फोन सचिन के पास है।
दिल्ली में बदला सिम, फिर भी पकड़ में आया
हत्या के बाद सचिन दिल्ली भाग गया और अपने तथा हिमानी के फोन के सिम तोड़कर नए सिम कार्ड खरीद लिए। हालांकि, पुलिस ने सीडीआर से कॉल डिटेल निकाल ली थी। 2 मार्च को पुलिस उसके घर पहुंची, लेकिन वह फरार हो चुका था।
दिल्ली में एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की एसटीएफ को हिमानी की हत्या की जानकारी मिली और उन्होंने मुंडका से सचिन को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद हरियाणा पुलिस को सूचना दी गई और उसे रोहतक पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पुलिस नाकाबंदी के बावजूद शव लेकर भागा आरोपी
हैरानी की बात यह रही कि नगर पालिका चुनाव के चलते शहर में कड़ी सुरक्षा थी। जगह-जगह पुलिस की नाकाबंदी थी, फिर भी सचिन हिमानी का शव लेकर रोहतक से सांपला तक जाने में कामयाब रहा। यदि पुलिस चौकन्नी होती, तो शायद वह शहर से बाहर नहीं जा पाता।