Cyber Fraud: मध्य प्रदेश में डिजिटल ठगी और साइबर फ्रॉड में 111% की वृद्धि, पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
मध्य प्रदेश में साइबर अपराधों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और राज्य अब साइबर ठगों के निशाने पर है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने विधानसभा में जो आंकड़े प्रस्तुत किए, उनके अनुसार प्रदेश में साइबर ठगी और ऑनलाइन फ्रॉड में 111 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, क्योंकि डिजिटल ठगी के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं।
साइबर ठगी के बढ़ते मामले
मध्य प्रदेश में साइबर ठगों की सक्रियता बढ़ी है, और अब वे फर्जी कस्टमर केयर कॉल्स, डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड, और अन्य ऑनलाइन ठगी के तरीकों से लोगों को निशाना बना रहे हैं। सितंबर में भोपाल की श्वेता सेंगर के साथ हुई ठगी का मामला सामने आया। श्वेता ने गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर ढूंढा और एक साइबर अपराधी से संपर्क कर लिया, जिसने खुद को कस्टमर सपोर्ट एग्जीक्यूटिव बताया। इसके बाद उसे बैंक बैलेंस चेक करने और पिन डालने को कहा गया, और जैसे ही उसने पिन डाला, उसके खाते से 61,000 रुपये गायब हो गए। साथ ही, एक ऐप भी फोन में इंस्टॉल हो गया, जिसके बारे में श्वेता को कोई जानकारी नहीं थी। श्वेता ने बताया कि यह रकम उसकी बचत थी, जिसे बच्चों की स्कूल फीस और घर के खर्चों के लिए रखा गया था, और अब उसे लगता है कि यह पैसे कभी वापस नहीं आएंगे।
डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में बढ़ोतरी
मध्य प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। 2024 में 26 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें अपराधियों ने 12.60 करोड़ रुपये की ठगी की। 2023 में केवल एक ही मामला दर्ज हुआ था, जिसमें 96,968 रुपये की ठगी हुई थी। हालांकि, 2024 में ठगी की रकम में तो वृद्धि हुई है, लेकिन रिकवरी दर बेहद कम रही है। 2024 में कुल ठगी की रकम में से सिर्फ ₹72.38 लाख (5.74%) ही वापसी हो पाई है।
साइबर फ्रॉड के आंकड़े
2023 और 2024 में साइबर फ्रॉड के कारण राज्य के लोगों को 150 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। 2023 में 444 मामले दर्ज हुए, जिनमें ₹44.26 करोड़ का नुकसान हुआ था, जबकि 2024 में मामलों की संख्या बढ़कर 521 हो गई, जो कि 17% की वृद्धि दर्शाता है। इस साल साइबर ठगी का कुल नुकसान ₹93.60 करोड़ तक पहुंच चुका है, जो कि 111% की वृद्धि है। हालांकि, 2023 में रिकवरी 20% रही थी, लेकिन 2024 में यह घटकर केवल 9% रह गई है।
प्रमुख प्रभावित क्षेत्र
इंदौर और भोपाल जैसे प्रमुख शहरों में साइबर अपराधों के मामले सबसे अधिक सामने आए हैं। 2023 में इंदौर में 184 मामले दर्ज हुए, जो 2024 में घटकर 141 हो गए। राजधानी भोपाल में 2023 में 53 मामले दर्ज हुए थे, जो 2024 में बढ़कर 77 हो गए। यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि राज्य में साइबर अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है और इससे नागरिकों की सुरक्षा खतरे में है।
नागरिकों को सावधान रहने की सलाह
साइबर अपराध विशेषज्ञों का मानना है कि नागरिकों को ऑनलाइन जानकारी साझा करते वक्त बेहद सतर्क रहना चाहिए। उन्हें किसी भी संदिग्ध कस्टमर केयर कॉल्स से बचना चाहिए और व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए। साथ ही, ऐसी घटनाओं से बचने के लिए लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
साइबर अपराधों में वृद्धि मध्य प्रदेश की पुलिस और प्रशासन के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है, और इस समस्या से निपटने के लिए और कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।