शासन के नियमो को ताक में रखकर एक माध्यमिक खेल शिक्षक शेख खलील कुरैशी को जिला क्रीड़ा अधिकारी का प्रभार सौंप दिया गया है । इतना ही नहीं अन्य जिलो से परे हटकर आदिवासी जनजाति कार्य विभाग के साथ- साथ शिक्षा विभाग का भी जिला क्रीड़ा अधिकारी का प्रभार शेख खलील कुरैशी को ही सौंपा गया है । कुछ स्वार्थी अधिकारियों की कृपा पात्रता के कारण अपात्र होते हुए भी दोहरा पद मिलने के बाद मानो खलील कुरैशी की लाटरी लग गयी है । लाखों के खेल बजट का, किस तरह वारा न्यारा करना है ,इसमें जिला क्रीडा अधिकारी कुरैशी को महारत हासिल है । पुरानी सामग्री को ही नई बताकर फर्जी बिल का खेल एक लम्बे समय से खेला जा रहा है ।
उच्च प्रशिक्षित को किया गया दरकिनार
नियमानुसार किसी भी जिले में जिला क्रीड़ा अधिकारी का प्रभार उस जिले में सबसे वरिष्ठ एवं उच्च प्रशिक्षित नियमित नियुक्ति वाले खेल प्रशिक्षक को दिया जाना चाहिए । जिसकी योग्यता एमपीएड ( मास्टर आफ फिजिकल एजुकेशन ) होनी चाहिए । अगर जिले में उक्त उच्च प्रशिक्षित एक भी नियमित भर्ती वाला कोई भी खेल प्रशिक्षक न हो तब भी वरिष्ठता का ख्याल रखते हुए ही जिला क्रीड़ा अधिकारी का प्रभार दिया जाना चाहिए । लेकिन अनूपपुर जिले में इन सारे नियम कायदों को ताक में रखकर उच्च प्रशिक्षित नियमित भर्ती वाले खेल प्रशिक्षक के अनूपपुर जिले में होते हुए संविदा वर्ग दो में भर्ती होने वाले तथा बीपीएड (बैचलर आफ फिजिकल एजुकेशन ) योग्यता धारक शेख खलील कुरैशी को जनजाति कार्य एवं शिक्षा विभाग दोनों के जिला क्रीड़ा प्रभारी के पद से नवाज़ दिया गया । सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग अनूपपुर के जिम्मेदारों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर एक कम प्रशिक्षित खेल शिक्षक शेख खलील कुरैशी को इस मलाईदार पद से नवाज़ दिया गया है ,जो अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर भी सवाल खड़े कर रहा है ।
दो उच्च प्रशिक्षित खेल प्रशिक्षक मौजूद
अनूपपुर जिले में वर्तमान समय दो उच्च प्रशिक्षित नियमित भर्ती एमपीएड योग्यताधारी खेल प्रशिक्षक मौजूद है । इनमे संगीतादीन वरिष्ठ पीटीआई एमपीएड एवं राजेंद्र त्रिपाठी वर्तमान में क्रीड़ा परिसर अमरकंटक में सेवाएं दे रहें हैं । जिन्हें नियमानुसार जिला क्रीड़ा अधिकारी का प्रभार दिया जाना चाहिए था । लेकिन सारे नियमो को दरकिनार कर कम योग्यता धारी माध्यमिक शिक्षक खेलकूद शेख खलील कुरैशी पर कृपा बरसाते हुए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उन्हें शिक्षा व ट्रायबल दोनों विभाग के क्रीड़ा अधिकारी का प्रभार सौंप दिया गया है । अमरकंटक क्रीड़ा परिसर में पदस्थ दो उच्च प्रशिक्षित खेल शिक्षक के अलावा अलावा अनूपपुर जिले में दो तीन अन्य एमपीएड खेल प्रशिक्षक (माध्यमिक शिक्षक ) भी मौजूद है ,जबकि इसके विपरीत शेख खलील कुरैशी, माध्यमिक शिक्षक के साथ साथ केवल बीपीएड धारी है । ऐसे में उनको प्रभारी बनाए जाने से कई सवाल खड़े हो रहें हैं ।
लम्बी है फेहरिस्त
जिला क्रीड़ा अधिकारी शेख खलील कुरैशी के कारनामो की फेहरिस्त इस नियम विरुद्ध नियुक्ति से कहीं ज्यादा है ।
जानकारी के अनुसार उनकी मूल पदस्थापना शासकीय उमवि. अमलाई कालरी मे है । लेकिन खेल विभाग में शासन से आने वाले लाखो के बजट के वजन की वजह से कुरैशी ने इस मलाईदार दोहरे पद को पाने के लिए जमकर एड़ी चोटी का जुगाड़ लगाया और आखिरकार वह इसमें सफल रहें । सरकारी धन को किस तरह कागजों में खर्च करना है अथवा पुराने सामान को कैसे नया बनाना है ,इसमें डीएसओ कुरैशी को मानो महारत हासिल है । जानकारी के अनुसार इनके ऊपर 25 लाख रुपए की रिकवरी की बात भी सामने आ चुकी है ,हालाकि अभी यह मुद्दा फाइलों में दफ़न कर दिया गया है । लेकिन अगले समाचार में खबरीलाल, अधेढ़ उम्र के जवान दिल रखने वाले डीएसओ कुरैशी के साथ साथ उनके कुछ मातहत खेल प्रशिक्षकों की नियम विरुद्ध नियुक्ति को प्रमाण के साथ उजागर करेगा ।