मौसमी बीमारियों के चलते अस्पताल के बेड मरीजो से खचाखच भरे हुए हैं। इस मौसम में खासकर बच्चों को डायरिया की दिक्कत हो रही है। जिससे बचाव के तरीके डॉक्टर ने बताएं है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी ठंड से बच्चों और बुजुर्गों को बचाना काफी जरूरी है। जिले का तापमान 6 डिग्री तक पहुंच गया है। बीते कुछ दिनों पहले जिले में बारिश हुई थी जिसके बाद मौसम खुला, सूरज ने दर्शन दिए,धूप भी लगातार निकल रही है। लेकिन शीत लहर की वजह से धूप का कोई ज्यादा असर लोगों पर नहीं पड़ पा रहा है। ऐसे मौसम में बच्चे और बुजुर्ग अधिक बीमार हो रहे हैं।
तीन दिनों के भीतर सैकड़ा भर मरीज भर्ती
जिला अस्पताल में उल्टी दस्त के मरीज अधिक आ रहे हैं, तीन दिनों के भीतर 100 मरीज जिला अस्पताल में भर्ती हुए हैं, जिसमें अधिकतर लोग उल्टी दस्त से ग्रसित है। जिनकी उम्र 55 से अधिक है। विशेषज्ञों का कहना कि ऐसे मौसम में बुजुर्गों को ठंड लगने की अधिक संभावना रहती है,जो मरीज जिला अस्पताल में उल्टी दस्त से भर्ती हुए हैं उन्हें ठंड लगी है,जिन्हें भर्ती कर जिला अस्पताल में उपचार दिया जा रहा है।मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर भूपेंद्र सिंह सेंगर ने बताया कि लगातार तापमान गिरता जा रहा है जिससे ठंड अधिक पड़ रही है, शीत लहर चलने की वजह से बुजुर्गों को ठंड लग रही है, ठंड लगते ही उन्हें उल्टी दस्त शुरू हो रही है, और वह अस्पताल आकर भर्ती हो रहे हैं। विशेषज्ञ की सलाह है कि ऐसे मौसम में ठंड से अपना बचाव करें,कपड़े कई परत में पहने,जिससे ऐसी ठंड से अपना बचाव हो सकता है।
बच्चों पर ख़ास प्रभाव
ऐसे सर्द मौसम में बच्चों को अधिक दिक्कत हो रही है, जिसमें उन्हें सर्दी खांसी के साथ विंटर डायरिया की शिकायत आ रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 80 बच्चे आ रहे हैं,जिसमें अधिकतर सर्दी खांसी और विंटर डायरिया के शिकार है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील हथगेल से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा की रोज लगभग 80 बच्चे ओपीडी में आ रहे हैं। अधिकतर बच्चों को सर्दी जुकाम के साथ विंटर डायरिया की शिकायत है। कई बच्चों को प्रतिदिन भर्ती कर उपचार देना पड़ रहा है। श्री हथगेल ने बताया कि बच्चों को हमेशा ऐसे मौसम में गर्म रखने की जरूरत है, जिसमें उन्हें गर्म कपड़े पैरों में सॉक्स, हाथों में ग्लव्स, कान के टोपे पहनाकर रखा जाए, जिससे बच्चे गर्म रहेंगे और ठंड से बच सकेंगे। समय-समय पर बच्चों को खाना खिलाए। जो छोटे बच्चे हैं उन्हें समय पर मां स्तनपान कराएं । ठंडी हवा में बच्चों को बाहर न ले जाए, भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र में जाने से बच्चों को बचाए। इन सावधानियों के कारण बच्चों को बीमार होने से बचाया जा सकता है ।