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मुख्यमंत्री मोहन यादव का उद्घाटन: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने धार्मिक न्यास और धर्मस्व संचालनालय का उद्घाटन करते हुए मंदिरों और पुजारियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि अब इस संचालनालय के माध्यम से पूरे राज्य के धार्मिक स्थलों का विकास और मंदिरों के पुजारियों के मानदेय का प्रबंधन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए बड़े कदमों की भी जानकारी दी।
सीएम की सरकार ने पहले ही धार्मिक न्यास और धर्मस्व संचालनालय को भोपाल से उज्जैन स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था, और इसका उद्घाटन रक्षाबंधन के अवसर पर किया गया। अपने संबोधन में, सीएम डॉ. मोहन यादव ने उल्लेख किया कि मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों को विकास के लिए विशेष सौगातें दी गई थीं, जैसे ग्वालियर को राजस्व और परिवहन विभाग का मुख्य कार्यालय मिला। उन्होंने यह भी बताया कि जबलपुर को हाई कोर्ट की शाखा, उज्जैन को विक्रम विश्वविद्यालय, और इंदौर को अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएं प्राप्त हुईं। विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ने के कारण उज्जैन की महत्वपूर्ण भूमिका थोड़ी कम हो गई थी, लेकिन अब इसे फिर से प्रमुख बनाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने जोर दिया कि अब धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग का संचालन उज्जैन से होगा।
संचालनालय का महत्व व भूमिका:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि इस संचालनालय के पास मध्य प्रदेश में धार्मिक स्थलों के निर्माण और जीर्णोद्धार के लिए ₹26 करोड़ का बजट है। इसके अलावा, मंदिरों के पुजारियों के वेतन के लिए अलग से बजट आवंटित किया गया है। संचालनालय भूमि संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर भी निर्णय लेगा और सरकारी निगरानी का काम करेगा।संचालनालय महाकाल महालोक और मध्य प्रदेश के 13 अन्य स्थानों, जैसे सलकनपुर, दतिया, ओरछा, और ओंकारेश्वर में महालोक के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही, यह मुख्यमंत्री की तीर्थ दर्शन योजना और हवाई मार्ग से धार्मिक यात्रा के प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।