Singhara को सही तरीके से खाएं, मिलेगा स्वास्थ्य को दोगुना फायदा
सर्दियों में मिलने वाला Singhara (Water Chestnut), जो पानी से भरा होता है, न केवल शरीर को हाइड्रेट (hydrate) करता है, बल्कि इसमें फाइबर (fiber) और एंटीऑक्सीडेंट्स (antioxidants) की भी भरपूर मात्रा होती है। यह फल ठंडे मौसम में डिहाइड्रेशन (dehydration) से बचाने के लिए फायदेमंद है और साथ ही कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी कम करता है। एक्ट्रेस भाग्यश्री ने इस फल को खाने का नया तरीका बताया है, जिससे इसके स्वास्थ्य लाभ अधिकतम (maximum) हो सकते हैं।
Singhara को उबालकर या कच्चा न खाएं, जानें सही तरीका
अधिकतर लोग सिंघाड़े को कच्चा या उबालकर खाते हैं, लेकिन भाग्यश्री ने सिंघाड़े को खाने का नया तरीका बताया है। काशीपुर में सिंघाड़े की खेती (farming) प्रमुख रूप से होती है और वहां के लोग इसे कचरी बनाकर खाना पसंद करते हैं। यह तरीका सिर्फ स्वादिष्ट (tasty) ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। भाग्यश्री के अनुसार, सिंघाड़े में पानी और पोषक तत्व (nutrients) होते हैं, जो इसे डायबिटीज (diabetes) और कैंसर जैसी बीमारियों (diseases) से बचाने में मदद करते हैं।
Singhara खाने की रेसिपी
सिंघाड़े को घी (ghee) में भूने । इसके लिए सिंघाड़े को घी में डालकर कटे हुए प्याज, टमाटर, अदरक, लहसुन और मसाले डालकर अच्छी तरह से भूनें। यह विधि सिंघाड़े के पोषण (nutrition) को सही तरीके से संजोने में मदद करती है। इसके बाद, सिंघाड़े के मिश्रण को लोहे की कढ़ाई में बनाना चाहिए ताकि सभी पोषक तत्व बच जाएं। इस रेसिपी में सिंघाड़ा स्वादिष्ट (delicious) और स्वास्थ्यवर्धक (healthy) दोनों तरीके से बनता है।
Singhara की कचरी के फायदे
सिंघाड़े में पोटैशियम (potassium), मैंगनीज (manganese), कॉपर (copper) और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है। यह फल हाई कार्ब्स (high carbs) होते हुए भी लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (low glycemic index) फूड है। इसका मतलब है कि इसके सेवन से शुगर (sugar) का स्तर अचानक नहीं बढ़ता और डायबिटीज के मरीजों (patients) को राहत मिलती है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए सिंघाड़े का लाभ
सिंघाड़े में मौजूद कार्बोहाइड्रेट (carbohydrates) का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर (blood sugar) को कंट्रोल (control) करने में मदद करता है। यह धीरे-धीरे टूटकर ग्लूकोज (glucose) को खून में पहुंचाता है, जिससे शुगर लेवल में तेजी से बदलाव नहीं आता। सिंघाड़े में फाइबर की भरपूर मात्रा भी होती है, जो ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित (balanced) रखता है।
कैंसर, हार्ट डिजीज और डायबिटीज में सिंघाड़े का प्रभाव
सिंघाड़े (Water Chestnut) में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स (antioxidants) फ्री रेडिकल्स (free radicals) और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (oxidative stress) से बचाते हैं, जो हार्ट डिजीज (heart disease), टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) और कैंसर (cancer) जैसी बीमारियों का प्रमुख कारण होते हैं। शोध (research) के अनुसार, इन बीमारियों को इन एंटीऑक्सीडेंट्स के द्वारा नियंत्रित (control) किया जा सकता है। सिंघाड़े का सेवन इन बीमारियों से बचने के लिए एक प्रभावी उपाय (effective solution) हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी (general information) के लिए है। यह किसी दवा या इलाज (medicine or treatment) का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।