Viral and Bacterial Infection Cases Increasing in Delhi: दिल्ली में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के केस दिन-ब-दिन और रात-रात भर तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार जैसी बीमारियां दिल्ली में आम हो गई हैं। इसके अलावा, दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में भी वृद्धि हुई है। इसके पीछे की वजह जानने के लिए हम विशेषज्ञों से चर्चा करते हैं।
दिल्ली में बीमारियों में वृद्धि का कारण:
दिल्ली में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन की बढ़ती घटनाओं का मुख्य कारण मानसून है। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि मानसून के आगमन के साथ ही दिल्ली में ये मामले तेजी से बढ़े हैं। अगस्त के महीने में 26 दिन बारिश हुई है, जो पिछले 14 सालों में सबसे अधिक है। इस अत्यधिक नमी के कारण दिल्ली में लोग डेंगू, मलेरिया, इंफ्लूएंजा, वायरल हेपेटाइटिस, चिकनगुनिया और सांस से संबंधित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
टाइफाइड और लेप्टोस्पाइरोसिस के केस में वृद्धि:
दिल्ली में टाइफाइड और लेप्टोस्पाइरोसिस जैसे बैक्टीरियल इंफेक्शन के केस भी सामने आ रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में डॉक्टर रोमिल टिक्को ने कहा कि 70% मरीजों को बुखार की शिकायत होती है और जांच में डेंगू या फ्लू निकलता है। विदेश यात्रा करने वाले कई लोग कोविड-19 वायरस का भी शिकार हो रहे हैं। इसलिए, सही समय पर टाइफाइड और डेंगू टेस्ट कराना बहुत जरूरी है। शुरुआती जांच के बिना, ये मामले बढ़ते ही रहेंगे।
आसपास के राज्यों में बढ़ी स्थिति की गंभीरता:
AIIMS के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निच्छल का कहना है कि सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि आसपास के राज्यों से भी कई मरीज AIIMS में रेफर किए जा रहे हैं। इनमें से ज्यादातर लोग डेंगू, मलेरिया और लेप्टोस्पाइरोसिस का शिकार हैं। विशेष रूप से मानसून के दौरान लेप्टोस्पाइरोसिस के केस में वृद्धि देखने को मिल रही है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन तेजी से फैल रहे हैं।
लेप्टोस्पाइरोसिस के लक्षण:
डॉक्टर नेहा रस्तोगी ने बताया कि लेप्टोस्पाइरोसिस के लक्षणों में बुखार, डायरिया, जॉन्डिस, किडनी और लिवर में इंफेक्शन शामिल हैं। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है। बुखार दिमाग में चढ़ने का डर रहता है, जिससे शरीर के कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं और मरीज की जान को खतरा हो सकता है। मानसून के आगमन के बाद, मच्छरों द्वारा फैलने वाली बीमारियां जैसे डेंगू और मलेरिया 30-45 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं।