देश में हर चौथा व्यक्ति इस गंभीर समस्या का शिकार है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कई क्रोनिक बीमारियों के कारणों पर समय रहते ध्यान देने और इलाज करने से गंभीर समस्याओं के खतरे को कम किया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी:
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पोस्ट में बताया कि उच्च रक्तचाप की समस्या को अक्सर हल्के में लिया जाता है और लोग तब तक इस पर ध्यान नहीं देते जब तक स्वास्थ्य पर गंभीर असर न होने लगे। लगातार अनियंत्रित ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थितियों का कारण बन सकता है। आज ही अपने ब्लड प्रेशर की जांच करवाएं।
हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का खतरा:
उच्च रक्तचाप की स्थिति हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालती है जिससे मायोकार्डियम (हृदय की मांसपेशियों) में संरचनात्मक और कार्यात्मक परिवर्तन होने लगते हैं। इसमें बाएं वेंट्रिकल की हाइपरट्रॉफी शामिल है, जो हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ा सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर के कारण रक्त वाहिकाओं पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे उनके टूटने का जोखिम होता है। यही कारण है कि हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति हार्ट के साथ-साथ मस्तिष्क के लिए भी खतरनाक मानी जाती है, क्योंकि इससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा रहता है।
ब्लड प्रेशर के कारण अन्य समस्याओं का जोखिम:
बढ़े हुए ब्लड प्रेशर के कारण सिर्फ हार्ट ही नहीं, बल्कि अन्य अंगों पर भी असर पड़ सकता है। इससे आंखों की रक्त वाहिकाएं भी क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जिससे आंखों से संबंधित बीमारियों, कम देखने और रेटिना में क्षति का खतरा रहता है।
लगातार बढ़े रहने वाले ब्लड प्रेशर के कारण किडनी और लिवर जैसे महत्वपूर्ण अंगों की भी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ शोध बताते हैं कि उच्च रक्तचाप से स्तंभन दोष (नपुंसकता) होने का भी जोखिम हो सकता है।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कैसे रखें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें अपने डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज जरूर करवाना चाहिए। दवाओं के साथ लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके भी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है:
- तनाव कम करें। सांस लेने के व्यायाम, ध्यान या योग के माध्यम से आराम पाया जा सकता है।
- संतुलित आहार लें।
- सोडियम और कैफीन का सेवन कम करें।
- धूम्रपान और शराब से परहेज करें।