AIDS से जुड़ी अफवाहें: सच क्या है?
विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य
हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य एचआईवी/एड्स से जुड़ी गलतफहमियों (myths) को दूर करना और सही जानकारी (awareness) फैलाना है। एड्स, यानी Acquired Immunodeficiency Syndrome, एक गंभीर बीमारी है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को कमजोर कर देती है। यह रोग हर साल लाखों लोगों की जान ले लेता है।
2023 के आंकड़ों (statistics) के अनुसार, दुनियाभर में एचआईवी (HIV) से संबंधित बीमारियों की वजह से लगभग 6.30 लाख लोगों की मौत (death) हुई। हालांकि, 2004 की तुलना में इसमें 69% की कमी आई है।
एड्स और एचआईवी: अंतर समझें
मिथक (myth): एड्स और एचआईवी एक ही चीज हैं।
सच: एड्स और एचआईवी अलग-अलग हैं। एचआईवी (Human Immunodeficiency Virus) एक वायरस है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है। एड्स एचआईवी के आखिरी स्टेज को कहते हैं। अगर एचआईवी का समय पर इलाज (treatment) हो, तो व्यक्ति एड्स से बच सकता है।
एड्स फैलने के तरीके
मिथक: एड्स छूने, गले लगाने या साथ खाना खाने से फैलता है।
सच: एचआईवी छूने, गले लगाने (hugging), हाथ मिलाने या साथ खाना खाने से नहीं फैलता। यह वायरस सिर्फ खून (blood), वीर्य (semen), या संक्रमित मां के स्तनपान (breastfeeding) से फैलता है। अगर गर्भवती महिला में एचआईवी संक्रमण का पता चल जाए, तो दवाओं से बच्चे को सुरक्षित रखा जा सकता है।
एचआईवी का मतलब जीवन खत्म?
मिथक: एचआईवी पॉजिटिव होना जीवन खत्म होने जैसा है।
सच: एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति भी सही इलाज और एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (therapy) की मदद से लंबा और स्वस्थ जीवन (healthy life) जी सकता है। दवाओं और सही खान-पान (diet) से रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सकता है।
दोनों संक्रमित हैं, तो क्या सुरक्षा जरूरी है?
मिथक: यदि महिला और पुरुष दोनों एचआईवी संक्रमित (infected) हैं, तो सुरक्षा (protection) की जरूरत नहीं।
सच: यह एक गलतफहमी है। एचआईवी के अलग-अलग प्रकार होते हैं, और दो संक्रमित व्यक्तियों के बीच फिर से संक्रमण (reinfection) हो सकता है। इसलिए, यौन संबंधों (sexual relations) के दौरान सुरक्षात्मक उपायों का पालन करना जरूरी है।
समाज में कलंक: एड्स से लड़ाई की बड़ी बाधा
विशेषज्ञ कहते हैं कि एड्स से जुड़ा कलंक (stigma) आज भी समाज में मौजूद है। इसके कारण लोग न तो समय पर जांच (diagnosis) कराते हैं और न ही इलाज शुरू करते हैं। यह स्थिति रोगियों (patients) की जान के लिए खतरा बन जाती है।
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सही जानकारी ही बचाव है
एड्स से लड़ाई में सबसे जरूरी है सही जानकारी। गलतफहमियां (misconceptions) और अफवाहें (rumors) एड्स से बचाव की राह में सबसे बड़ी बाधा (obstacle) हैं। मेडिकल क्षेत्र में नवाचार (innovation) और दवाओं के विकास (development) से एड्स के इलाज और रोकथाम में मदद मिली है।
अस्वीकरण: यह लेख जानकारी के उद्देश्य (purpose) से लिखा गया है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या (health issue) के लिए डॉक्टर से परामर्श (consultation) जरूर करें।