हमारा लिवर शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो न सिर्फ भोजन को पचाने में मदद करता है, बल्कि टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालने और एनर्जी स्टोर करने का काम भी करता है। स्वस्थ लिवर के बिना शरीर का सही से काम करना मुश्किल हो जाता है। हाल ही में एक नई रिसर्च में यह सामने आया है कि कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स, जिनके बारे में माना जाता है कि ये स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, वास्तव में लिवर को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
हर्बल सप्लीमेंट्स और लिवर पर असर
आयुर्वेद और हर्बल मेडिसिन्स को प्राकृतिक और बिना साइड इफेक्ट्स के तौर पर देखा जाता है। लेकिन, नई रिसर्च ने इस धारणा को उलट कर रख दिया है। अमेरिका में की गई एक स्टडी के मुताबिक, अश्वगंधा, हल्दी, और ग्रीन टी जैसे सप्लीमेंट्स का ज्यादा सेवन करने से लिवर डैमेज हो सकता है।
अश्वगंधा जिसे आमतौर पर तनाव कम करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए जाना जाता है, अगर ज्यादा मात्रा में ली जाए तो यह पाचन तंत्र और लिवर की सेहत पर बुरा असर डाल सकती है। इसी तरह, हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन भी लिवर को नुकसान पहुंचाने का काम कर सकता है अगर इसे ज्यादा मात्रा में लिया जाए।
रिसर्च कहाँ हुई और किसने की?
यह रिसर्च अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के प्रोफेसर रोबर्ट जॉन फॉनटाना और उनकी टीम द्वारा की गई। उन्होंने देखा कि 2013-14 के दौरान लिवर डैमेज के मामलों में बढ़ोतरी हो रही थी, खासकर उन लोगों में जो हर्बल सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल कर रहे थे। अमेरिका में इन हर्बल सप्लीमेंट्स का प्रचलन काफी ज्यादा है और हल्दी, अश्वगंधा और ग्रीन टी का बड़े पैमाने पर सेवन किया जा रहा है।
लिवर को कैसे नुकसान पहुँचा रही हैं ये जड़ी-बूटियां?
प्रोफेसर रोबर्ट जॉन फॉनटाना ने अपनी रिसर्च में बताया कि हमें ये सोचना बंद करना होगा कि जो चीजें प्राकृतिक हैं, वे हमेशा सुरक्षित होती हैं। हल्दी, जिसमें करक्यूमिन होता है, अगर ज्यादा खुराक में ली जाए तो यह लिवर के लिए हानिकारक हो सकती है। इसी तरह, ग्रीन टी को लोग वजन घटाने के लिए अक्सर बहुत ज्यादा मात्रा में पीते हैं, जबकि ज्यादा ग्रीन टी लिवर की क्षति का कारण बन सकती है। दिन में 4-5 कप ग्रीन टी भी लिवर को नुकसान पहुँचा सकती है।
अश्वगंधा के भी कई फायदे होते हैं, लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल लिवर की सेहत को खराब कर सकता है।
कौन सी हर्ब सबसे ज्यादा नुकसानदायक?
रिसर्च के अनुसार, लिवर के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक हल्दी पाई गई है। इसके बाद ग्रीन टी और फिर अश्वगंधा का नंबर आता है। खासकर जो महिलाएं क्रोनिक डिजीज (जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप) से पीड़ित होती हैं, उनमें इन हर्बल सप्लीमेंट्स के कारण लिवर डैमेज का खतरा ज्यादा होता है।
कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा हो सकता है?
इन सप्लीमेंट्स का ज्यादा सेवन करने से लिवर पर भारी दबाव पड़ता है, जिससे लिवर फेलियर, पीलिया जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। कुछ मामलों में यह हेपेटाइटिस का कारण भी बन सकता है। अगर समय रहते इन हर्बल सप्लीमेंट्स के सेवन को नहीं रोका गया तो लिवर ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ सकती है।
रिसर्च के नतीजे और सलाह
रिसर्चर्स ने सुझाव दिया है कि जो लोग हर्बल सप्लीमेंट्स का सेवन कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं, उन्हें पहले यह समझना चाहिए कि क्या वाकई उनकी बॉडी को इनकी जरूरत है। सप्लीमेंट्स का सेवन करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट से सलाह लेना बेहद जरूरी है।
इसके अलावा, अगर कोई पहले से सप्लीमेंट्स का सेवन कर रहा है, तो उन्हें सलाह दी गई है कि हर 4-5 महीने में अपना फुल बॉडी चेकअप कराते रहें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं सप्लीमेंट्स के कारण शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव तो नहीं पड़ रहा है।
लिवर की सेहत के लिए ध्यान रखें
लिवर की सेहत बनाए रखने के लिए सिर्फ हर्बल सप्लीमेंट्स पर निर्भर होना सही नहीं है। एक संतुलित आहार, पर्याप्त पानी का सेवन, और नियमित व्यायाम से लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है। हर्बल सप्लीमेंट्स का सीमित और सही तरीके से उपयोग करना ही स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है।
निष्कर्ष यह है कि हर्बल सप्लीमेंट्स, जो हमें प्राकृतिक और सुरक्षित लगते हैं, वे भी शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए इनका इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और बिना विशेषज्ञ की सलाह के इनका अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए।