बढ़ती उम्र में महिलाओं के लिए ब्लैडर लीक की समस्या एक गंभीर चिंता का विषय बन जाती है, खासकर 40 के बाद। कई महिलाएं जब खांसती या छींकती हैं, तब उन्हें यूरिन लीक होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति अक्सर शर्मिंदगी का कारण बनती है, लेकिन इस पर नियंत्रण नहीं रहता। इस लेख में, हम जानेंगे कि इस समस्या के पीछे के कारण क्या हैं और इसे कैसे प्रबंधित किया जा सकता है।
ब्लैडर लीक की समस्या का परिचय
ब्लैडर से यूरिन निकालने वाली नली को यूरेथ्रा कहते हैं। सामान्य स्थितियों में, यूरेथ्रा की मसल्स यूरिन को रोके रखती हैं। जब हम यूरिन पास करते हैं, तब ब्लैडर की मसल्स यूरिन को आगे की ओर पुश करती हैं। लेकिन जब ब्लैडर लीक की समस्या उत्पन्न होती है, तब यूरेथ्रा की मसल्स अपनी क्षमता खो देती हैं। इससे खांसने या छींकने पर यूरिन लीक हो जाता है। यह मसल्स की स्ट्रेंथ कम होने के कारण होता है।
ब्लैडर लीक के प्रकार
ब्लैडर लीक की समस्या आमतौर पर दो प्रकारों में आती है:
- अर्जेंट यूरिनरी इनकंटीनेंस (UUI): इस स्थिति में, पेशाब की इच्छा को रोक पाना मुश्किल हो जाता है।
- स्ट्रेस यूरिनरी इनकंटीनेंस (SUI): इसमें ब्लैडर पर दबाव पड़ने से यूरिन लीक हो जाती है।
यदि आपको बार-बार पेशाब करने की इच्छा हो रही है, या खांसते या छींकते समय यूरिन लीक हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें।
बढ़ती उम्र और हार्मोनल परिवर्तन
40 की उम्र के बाद, महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं। मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण, पेल्विक मसल्स की स्ट्रेंथ कम हो जाती है। जैसे-जैसे पीरियड्स खत्म होते हैं, एस्ट्रोजन का स्तर भी गिरता है। इसके परिणामस्वरूप, ब्लैडर की मसल्स यूरिन को रोकने में असमर्थ हो जाती हैं, जिससे ब्लैडर लीक की समस्या उत्पन्न होती है।
डिलीवरी का प्रभाव
डिलीवरी के समय जब महिला को शिशु को बाहर निकालने के लिए जोर लगाना पड़ता है, तब पेल्विक एरिया पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। इससे ब्लैडर की मसल्स कमजोर हो जाती हैं। अगर डिलीवरी के तुरंत बाद फिर से प्रेग्नेंट हो जाती हैं, तो समस्या और बढ़ सकती है।
समस्या के अन्य कारण
कुछ अन्य कारण भी हैं जो ब्लैडर लीक की समस्या को बढ़ा सकते हैं:
- न्यूरोलॉजिकल बीमारियाँ: ये भी मसल्स की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकती हैं।
- पेशाब रोकने की आदत: जो लोग लंबे समय तक पेशाब रोकते हैं, उनका ब्लैडर कमजोर हो सकता है।
- जंक फूड और कैफीन: अत्यधिक चाय, कॉफी, या शराब का सेवन करने से भी ब्लैडर में जलन और लीकेज की समस्या शुरू हो सकती है।
उपाय और सुझाव
यदि आप ब्लैडर लीक की समस्या का सामना कर रही हैं, तो कुछ उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप इससे राहत पा सकती हैं:
- डॉक्टर से परामर्श: अगर आपको डिलीवरी के बाद खांसते या छींकते समय यूरिन लीक होता है, तो तुरंत गायनेकोलॉजिस्ट से मिलें। वो आपको कुछ विशेष एक्सरसाइज के बारे में बताएंगे, जैसे कीगल एक्सरसाइज।
- कीगल एक्सरसाइज: यह एक्सरसाइज पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत बनाने में मदद करती है। इसे किसी भी उम्र में किया जा सकता है। इसे करने के लिए, आपको शांत स्थान पर बैठना या लेटना होता है। फिर पेल्विक फ्लोर मसल्स को सिकोड़ें और 5 सेकंड तक रोकें, फिर ढीला छोड़ें। यह प्रक्रिया 10 से 20 बार दोहराएं।
- स्वस्थ आहार: मोटापा और तनाव को कम करने के लिए एक संतुलित आहार लेना जरूरी है। नींबू और संतरे जैसे खट्टे फलों का सेवन कम करें, क्योंकि ये बार-बार यूरिन पास करने की इच्छा को बढ़ा सकते हैं।
- हाइड्रेशन का ध्यान रखें: बहुत ज्यादा लिक्विड डाइट से बचें, क्योंकि यह यूरिन की समस्या को बढ़ा सकता है।
- तनाव प्रबंधन: तनाव भी इस समस्या को बढ़ा सकता है, इसलिए ध्यान, योग, या अन्य तनाव कम करने वाली गतिविधियों का अभ्यास करें।
संक्षेप में
ब्लैडर लीक की समस्या एक सामान्य लेकिन शर्मनाक स्थिति हो सकती है। इसे हल्के में लेना ठीक नहीं है। सही समय पर डॉक्टर से परामर्श करके और उपयुक्त उपायों को अपनाकर, इस समस्या का प्रबंधन किया जा सकता है। कीगल एक्सरसाइज और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से न केवल आपको राहत मिलेगी, बल्कि आप अपनी दैनिक गतिविधियों में भी आत्मविश्वास महसूस करेंगी।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।