1. जायफल का तेल
जायफल का तेल दर्द और सूजन को कम करने में प्रभावी है। इसमें कैम्फीन, लिनालूल और यूजेनॉल जैसे यौगिक होते हैं जो दर्द और सूजन को दूर करते हैं। यह जोड़ों के दर्द, सिरदर्द, गठिया और पीरियड क्रैम्प्स के लिए उपयोगी हो सकता है। जायफल का तेल नारियल तेल या किसी अन्य कैरियर ऑयल में मिलाकर दर्द वाली जगह पर मसाज करने से राहत मिलती है।
2. हल्दी
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद करक्यूमिन यौगिक शरीर में होने वाली सूजन और दर्द को कम कर सकते हैं। हल्दी को दूध में मिलाकर (हल्दी दूध) या पानी में उबालकर पीने से दर्द में राहत मिलती है।
3. अदरक की चाय
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पेट दर्द, ब्लोटिंग और मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। एनसीबीआई की रिसर्च के अनुसार, अदरक में एनाल्जेसिक प्रॉपर्टीज होती हैं जो शरीर को सक्रिय बनाए रखती हैं। अदरक को चाय में उबालकर पीने या अदरक के तेल को त्वचा पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है।
4. हॉट और कोल्ड क्रेप्स
मांसपेशियों की सूजन और टिशू रिपेयरिंग के लिए कोल्ड क्रेप्स फायदेमंद हो सकते हैं। यह ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है और सूजन को कम करता है। वहीं, हॉट वॉटर बॉटल का उपयोग शरीर के दर्द को कम करने और थकान से राहत पाने में सहायक हो सकता है।
5. लौंग का तेल
लौंग के तेल में यूजेनॉल कंपाउंड पाया जाता है, जो सूजन और दांतों के दर्द को कम करने में सहायक होता है। इसके एंटी-माइक्रोबियल गुण ओरल हेल्थ को सुधारने और कैविटी के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। लौंग के तेल को रूई की मदद से दांतों पर लगाने या घुटनों में मसाज करने से दर्द में राहत मिलती है।
6. गार्लिक मिल्क
लहसुन के साथ दूध का सेवन शरीर के दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है। लहसुन को दूध में उबालने से मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और ऐंठन से राहत मिलती है। इस दूध को छानकर पीने से दर्द में कमी आती है।
7. लैवेंडर ऑयल
लैवेंडर ऑयल का उपयोग दर्द से राहत देने और शरीर को सुकून प्रदान करने में किया जाता है। यह अरोमाथेरेपी में उपयोगी होता है और सिरदर्द को दूर करने में मदद करता है। लैवेंडर ऑयल का उपयोग मसाज के लिए किया जा सकता है, जो शरीर को आराम देने में मदद करता है।
इन घरेलू उपायों के माध्यम से आप दर्द से निजात पाने के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित तरीकों का सहारा ले सकते हैं।