सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने शनिवार को देश के सात उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की। दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन को दिल्ली का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया, जबकि न्यायमूर्ति राजीव शकधर को दिल्ली उच्च न्यायालय से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नितिन मधुकर जामदार को केरल हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। वहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति केआर श्रीराम को मद्रास हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। इसके अतिरिक्त, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति इंद्र प्रसन्न मुखर्जी को मेघालय उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है, और जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति ताशी रबस्तान को भी यहां का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 11 जुलाई को देश के आठ विभिन्न हाईकोर्ट में नए चीफ जस्टिसों की नियुक्ति की सिफारिश की थी। इसमें दिल्ली, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, मध्य प्रदेश, केरल, मेघालय और मद्रास हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की बात की गई थी। यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, और जस्टिस बीआर गवई की कॉलेजियम ने पारित किया।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने लंबित न्यायिक नियुक्तियों पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित न्यायिक नियुक्तियों की संख्या, स्थिति और देरी के कारणों की जानकारी प्रस्तुत करे। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए।
यह याचिका एडवोकेट हर्ष विभोर सिंघल द्वारा दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने कॉलेजियम की सिफारिश के बाद जजों की नियुक्ति के लिए एक निश्चित समय सीमा निर्धारित करने का आग्रह किया। इससे यह सुनिश्चित होगा कि यदि नियुक्तियाँ नहीं हो रहीं, तो सुप्रीम कोर्ट को समय सीमा के भीतर तथ्यों के साथ कारण बताने का अवसर मिले।