इजरायल का हवाई हमला: दो ईरानी सैनिकों की मौत ईरान पर Israel का हमला दो सैनिकों की मौत Middle East में बढ़ा Conflict का खतरा.
इजरायल ने शनिवार सुबह ईरान में कई सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें कम से कम दो ईरानी सैनिकों की मौत हो गई। इस ऑपरेशन को डेज़ ऑफ रिपेंटेंस नाम दिया गया और इसे इजरायल ने ईरान द्वारा मिसाइल हमलों के जवाब में प्रतिशोध बताया। इस घटना से मिडल ईस्ट में बड़े पैमाने पर संघर्ष का खतरा बढ़ गया है।
तेहरान को इजरायल की चेतावनी
तेहरान को चेतावनी देते हुए, इजरायल ने कहा कि अगर ईरान प्रतिशोध करता है, तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी। वहीं, अमेरिका और ब्रिटेन ने ईरान से तनाव बढ़ाने से बचने की अपील की है। इसके जवाब में, ईरानी अधिकारियों ने अपने रक्षा के अधिकार और कर्तव्य का दावा किया, जबकि हिज़्बुल्लाह ने इजरायली सैन्य ठिकानों पर हमलों की जिम्मेदारी ली।
“खबरीलाल न्यूज़ में यह भी पढ़ें”इज़राइल का ईरान पर एयर स्ट्राइक
IDF की पुष्टि और इजरायल के विमानों की सुरक्षित वापसी
Israel Defense Forces (IDF) ने इन हमलों की पुष्टि की, जो ईरानी मिसाइल फैक्ट्रियों और विभिन्न क्षेत्रों में सैन्य सुविधाओं को निशाना बना रहे थे। एक IDF प्रवक्ता ने बताया कि प्रतिशोधी हमला पूरी हो चुका है और सभी इजरायली विमान सुरक्षित लौट आए हैं।
ईरान की प्रतिक्रिया: सीमित नुकसान और सैनिकों की मौत
ईरान ने माना कि इजरायली हमलों ने तेहरान और आसपास के प्रांतों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे सीमित नुकसान हुआ लेकिन दो सैनिकों की मौत की पुष्टि की गई।
ऑपरेशन चार घंटे तक चला
- शनिवार को इजरायली हवाई हमलों ने ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें ईरानी रिपोर्ट्स के अनुसार दो सैनिक मारे गए। इजरायली सेना ने पुष्टि की कि “military targets पर precise strikes” किए गए, और तेहरान में स्थानीय समयानुसार सुबह 2:15 बजे धमाकों की सूचना मिली।
- इस ऑपरेशन में 100 से अधिक fighter jets, जिनमें F-35s, refuelers और spy planes शामिल थे, करीब 1,600 किलोमीटर दूर से ऑपरेशन में शामिल हुए। Israel ने तीन waves में हमले किए। पहले wave में ईरान के defense system को निशाना बनाया गया, जबकि दूसरी और तीसरी wave में missile और drone bases पर हमले किए गए, जो ईरानी बल क्षेत्रीय proxies को समर्थन देने और Israel को टार्गेट करने के लिए उपयोग करते हैं।
- ईरानी राज्य मीडिया ने धमाकों का कारण अपने air defense systems के activation को बताया। इजरायली सेना के अनुसार, इस हमले का उद्देश्य missile manufacturing facilities, surface-to-air missile arrays, और अन्य aerial capabilities को निशाना बनाना था, जो ईरान की ओर से 1 अक्टूबर के missile हमले के जवाब में किया गया।
- ईरान ने माना कि इन हमलों से तेहरान, खुज़ेस्तान और इलाम प्रांतों में military bases को “सीमित नुकसान” हुआ। इजरायली अधिकारियों ने गुमनाम रहते हुए कहा कि हमलों का लक्ष्य न तो nuclear और न ही oil facilities थीं। हमलों के कारण इराक, सीरिया और लेबनान में अस्थायी रूप से airspace closures और flight suspensions हुईं। सीरिया ने भी missile attacks की जानकारी दी लेकिन कुछ missiles को air defenses ने intercept कर लिया।
- सुबह 5:45 बजे, सूरज की पहली किरणों के साथ, यह ऑपरेशन समाप्त घोषित किया गया।
इजरायली सेना का ईरान पर हमले का कारण
- कारण लगातार कई महीनों से हो रहे हमले बताया, विशेषकर 7 अक्टूबर 2023 से ईरानी proxies के हमले का जिक्र किया।
- 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा किए गए हमले, जिसमें करीब 200 ballistic missiles इजरायल की ओर दागे गए थे, के जवाब में Israel ने retaliation की कसम खाई थी।
- रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने जोर देकर कहा कि इजरायल की प्रतिक्रिया “घातक, सटीक और चौंकाने वाली” होगी, जो देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
विश्व की प्रतिक्रिया
- इजरायली हमलों के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन ने तनाव कम करने की अपील की, जिसमें अमेरिकी अधिकारियों ने इन हमलों को self-defense की कार्रवाई बताया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने सभी पक्षों से restraint बरतने की अपील की।
- सऊदी अरब ने इजरायल की कार्रवाई की निंदा की और क्षेत्र में तनाव को और न बढ़ाने की चेतावनी दी। ईरान के विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपनी self-defense का अधिकार जताया, जबकि सीरिया ने ईरान के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए इजरायल की आक्रामकता की निंदा की।