Aleppo Syria में विद्रोहियों का हमला, 2020 के बाद सबसे बड़ी चुनौती
Aleppo Syria में इस्लामी समूह Hayat Tahrir al-Sham (HTS) ने एक बड़ा हमला किया, जिससे देश में 2020 के बाद पहली बार गृह युद्ध की स्थिति में तेज़ी आई है। इस हमले के बाद सीरियाई सेना और राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थन में रूस ने हवाई हमले किए।
रूसी वायुसेना के सहयोग से सीरियाई सेना ने विद्रोहियों के ठिकानों, नियंत्रण केंद्रों और काफिलों पर मिसाइल हमले किए। इन हमलों में 300 से अधिक विद्रोही मारे गए। विद्रोहियों ने अलेप्पो एयरपोर्ट और इदलिब प्रांत के मारा अल-नुमान शहर पर कब्ज़ा कर लिया है। इस घटना ने सीरियाई सेना और राष्ट्रपति असद के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
Aleppo Syria पर विद्रोहियों का कब्ज़ा और संघर्ष का विस्तार
Hayat Tahrir al-Sham (HTS) ने अलेप्पो के प्रमुख इलाकों में घुसपैठ की और सरकारी सेना के खिलाफ लड़ाई तेज़ कर दी। यह हमला 2016 के बाद अलेप्पो में सबसे बड़ा विद्रोही कदम है, जब रूस समर्थित सीरियाई सेना ने शहर को अपने नियंत्रण में लिया था। विद्रोही समूह ने कई गांवों और कस्बों पर कब्ज़ा किया, साथ ही सरकारी प्रतिष्ठानों और अलेप्पो विश्वविद्यालय पर हमले किए, जिसमें कई लोग मारे गए।
संघर्ष के भौगोलिक और राजनीतिक आयाम
यह हमला पश्चिम एशिया में संघर्ष के एक नए मोर्चे की संभावना को जन्म देता है। जहां एक तरफ रूस और ईरान राष्ट्रपति असद का समर्थन कर रहे हैं, वहीं तुर्की विद्रोहियों के कुछ गुटों का समर्थन करता है। 2020 में रूस और तुर्की के बीच हुए समझौते के बाद उत्तर-पश्चिम सीरिया में संघर्ष कम हो गया था, लेकिन यह हमला उस स्थिति को पलटने की ओर संकेत करता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और आरोप
अमेरिका ने विद्रोहियों के हमले में शामिल होने से इनकार किया है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने कहा कि असद सरकार की रूस और ईरान पर निर्भरता ने इस संकट को जन्म दिया है। ईरानी विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि यह हमला क्षेत्र को अस्थिर करने के लिए इजरायल और अमेरिका की साजिश का हिस्सा है। विद्रोहियों ने अपने हमले को रूस और सीरिया द्वारा इदलिब प्रांत में नागरिकों पर बढ़ते हवाई हमलों के जवाब में बताया है।
अलेप्पो में बढ़ता यह संघर्ष न केवल सीरिया के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक गंभीर खतरे का संकेत है।