5 नवंबर के US Elections (अमेरिकी चुनाव) में डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला होगा लेकिन विजेता का अनुमान लगाना अभी मुश्किल है।
अमेरिका में होने वाले US Elections (राष्ट्रपति चुनावों) से ठीक दो दिन पहले, एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर 47 प्रतिशत से 44 प्रतिशत की बढ़त बनाए हुए हैं। ट्रंप ने इस सर्वेक्षण को ‘फर्जी’ बताते हुए खारिज कर दिया।
यह प्रश्न उठता है कि अमेरिका में कौन जीतेगा—(Republican vs Democratic) कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप, यदि कमला हैरिस चुनाव जीत जाती हैं, तो वह अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी। वहीं, यदि डोनाल्ड ट्रंप सफल होते हैं, तो वह दूसरी बार राष्ट्रपति की कुर्सी पर आसीन होंगे।
यह राष्ट्रपति चुनाव एक ऐतिहासिक क्षण है, जहां रिपब्लिकन पार्टी के ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस की सीधी टक्कर हो रही है। पिछले चुनावों की तुलना में इस बार का परिदृश्य काफी बदल गया है। 2020 में जब जो बाइडेन और ट्रंप आमने-सामने थे, तब कोविड-19 महामारी सबसे बड़ा मुद्दा था, लेकिन इस बार चुनावी मुद्दे और रणनीतियाँ अलग हैं, जो भारत के लोकसभा चुनाव की गतिविधियों की झलक देती हैं।
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अमेरिकी जनता के चुनावी मुद्दे:
अमेरिका, विविधताओं का देश है। बाहरी नजरिए से यह व्हाइट हाउस, कैपिटल हिल और न्यूयॉर्क के प्रसिद्ध स्काईलाइन के रूप में नजर आता है, लेकिन यहाँ की अधिकतर जनता रोजमर्रा के मुद्दों जैसे रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और ऋण माफी पर ध्यान केंद्रित करती है। अधिकांश मतदाता या तो रिपब्लिकन या डेमोक्रेटिक पार्टी के रजिस्टर्ड होते हैं और आमतौर पर अपनी पार्टी के प्रति वफादार रहते हैं। कुछ स्विंग स्टेट्स हैं, जिनके मतदाता चुनाव परिणामों को निर्धारित करते हैं, जहां गर्भपात और इमीग्रेशन जैसे संवेदनशील मुद्दे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उम्मीदवारों की रणनीति:
दोनों उम्मीदवार एक-दूसरे पर व्यक्तिगत और राजनीतिक हमले कर रहे हैं। Kamala Harris (कमला) हैरिस महिलाओं के गर्भपात के अधिकारों के हनन का डर दिखाकर समर्थन जुटा रही हैं, जबकि Trump (ट्रंप) का कहना है कि अगर कमला जीतती हैं तो अमेरिका पर प्रवासी हावी हो जाएंगे। इस प्रकार, विवादास्पद मुद्दे मतदाताओं को लुभाने के प्रमुख चुनावी हथियार बन गए हैं।
दुनिया पर क्या असर होगा?
5 नवंबर के चुनाव के बाद, चाहे Kamala Harris (कमला हैरिस) जीतें या Trump (ट्रंप), अमेरिकी नीतियों का प्रभाव सीमित रहेगा। अमेरिका के हित सर्वोपरि हैं और किसी भी प्रशासन के लिए उसकी वैश्विक पकड़ बनाए रखना प्राथमिकता होगी। ट्रंप के जीतने पर अमेरिका का दुश्मन चीन या ईरान बन सकता है, जबकि हैरिस के राष्ट्रपति बनने पर रूस को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यह चुनाव वैश्विक शांति में कोई बड़ा बदलाव नहीं लाएगा, लेकिन संघर्ष के मोर्चे बदल सकते हैं।
भारत के लिए चुनाव के मायने:
US Elections (अमेरिका के चुनावों) का भारत पर क्या प्रभाव होगा, यह देखना महत्वपूर्ण है। अमेरिका का हर निर्णय सीधे भारत को प्रभावित नहीं करता, लेकिन भारत-अमेरिका संबंधों में स्थिरता और सामरिक साझेदारी इन चुनावों के परिणाम से प्रभावित होगी। चाहे कोई भी जीते, व्यापारिक और सैन्य सहयोग एक स्थिर विषय बना रहेगा, खासकर एशिया में चीन की बढ़ती ताकत को ध्यान में रखते हुए।