अगले महीने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होना है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मौजूदा उप राष्ट्रपति कमला हैरिस आमने-सामने होंगे। इससे पहले, जेडी वेंस और टिम वाल्ज के बीच 1 अक्टूबर को वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई।
इस 90 मिनट की डिबेट में, दोनों नेताओं ने मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव, अमेरिकी अर्थव्यवस्था, माइग्रेशन, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर एक-दूसरे पर तीखे हमले किए। इसे चुनावी प्रक्रिया की अंतिम डिबेट माना जा रहा है, खासकर तब जब ट्रंप ने दूसरी बहस से इनकार कर दिया था।
इस डिबेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार टिम वॉल्ज ने मौजूदा सरकार की मिडिल क्लास के लिए घोषित योजनाओं का समर्थन किया, यह बताते हुए कि उनकी पार्टी मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ कम करने का प्रयास करेगी। वहीं, रिपब्लिकन उम्मीदवार जेडी वेंस ने बाइडन सरकार पर लगातार बढ़ते आर्थिक बोझ के लिए हमला बोला।
डिबेट का पहला सवाल ईरान के मिसाइल हमले पर इस्राइल के संदर्भ में था। इस पर, टिम वॉल्ज ने तत्काल ट्रंप की विदेश नीति पर निशाना साधा, विशेषकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति ट्रंप के झुकाव और 2015 के ईरान परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते से अमेरिका के बाहर निकलने की आलोचना की।
जेडी वेंस ने इसका जवाब देते हुए कहा कि वॉल्ज ने ट्रंप को अराजकता का एजेंट बताया, जबकि ट्रंप ने दुनिया में स्थिरता लाई है। वेंस ने कहा कि उन्होंने प्रभावी निरोध स्थापित किया, जिससे लोग सुरक्षा महसूस करने लगे।
इसके बाद, आव्रजन नीति पर चर्चा करते हुए वेंस ने बताया कि अमेरिका में दो से ढाई करोड़ अवैध शरणार्थी हैं और ओहायो के स्प्रिंगफील्ड के नागरिकों की जिंदगी कमला हैरिस की ओपन बॉर्डर नीति से प्रभावित हो रही है। वॉल्ज ने इसका विरोध करते हुए कहा कि समस्याओं को सुलझाने के बजाय उन्हें और बढ़ाना सही नहीं है।