अमेरिका में अगले महीने राष्ट्रपति चुनाव के साथ, भारतीय मूल के चिकित्सकों के एक प्रमुख संगठन, अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (एएपीआई), ने नए प्रशासन से आव्रजन और स्वास्थ्य सेवा सुधारों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया है। एएपीआई के अध्यक्ष डॉ. सतीश कथुला ने स्वास्थ्य सेवा की पहुंच, वीजा मुद्दे, चिकित्सा तकनीक, और विविधता एवं भेदभाव विरोधी नीतियों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता जताई है।
1982 में स्थापित एएपीआई, अमेरिका में 120,000 से अधिक भारतीय मूल के चिकित्सकों का सबसे बड़ा संगठन है। डॉ. कथुला ने बताया कि कई चिकित्सक 15-20 वर्षों से एच-1बी वर्क वीजा पर काम कर रहे हैं और उनकी ग्रीन कार्ड प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है, ताकि वे अमेरिका में अपनी चिकित्सा सेवाएं जारी रख सकें। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय चिकित्सक वापस चले जाते हैं, तो इससे कुछ शहरों में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली प्रभावित होगी।
एच-1बी वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जो विशेष व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। डॉ. कथुला ने बताया कि अमेरिका में हर सातवें मरीज की देखभाल भारतीय मूल के चिकित्सकों द्वारा की जाती है और 2030 तक देश में लगभग 125,000 चिकित्सकों की आवश्यकता होगी। 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच मतदान होगा।