कनाडा के ब्रैम्पटन में रविवार को Hindu sabha mandir (हिंदू सभा मंदिर) में खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया।
उनके हाथों में खालिस्तानी झंडे थे, और उन्होंने (Hindu Sabha Mandir ) हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर लाठी-डंडों से वार किए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे यह मामला सुर्खियों में है। घटना के बाद मंदिर परिसर में भारी तनाव फैल गया, जिसके चलते सुरक्षा बढ़ाते हुए इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पील रीजनल पुलिस के चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है और कहा कि हिंसा और अपराध को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।
इस घटना पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कड़ी निंदा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि ब्रैम्पटन (brampton canada) के Hindu Sabha Mandir (हिंदू सभा मंदिर) में हुई यह हिंसा पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि हर कनाडाई को अपने धर्म का पालन स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से करने का अधिकार है।
कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोलिवरे ने भी इस हमले की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के हमले कनाडा में पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा के सभी लोगों को शांति से अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है, और इस तरह की घटनाएं धार्मिक सहिष्णुता और स्वतंत्रता के खिलाफ हैं।
ब्रैम्पटन (brampton, canada) के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने इस हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि कनाडा में धार्मिक स्वतंत्रता एक आधारभूत मूल्य है और हर व्यक्ति को अपने पूजा स्थल पर सुरक्षित महसूस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूजा स्थलों के बाहर किसी भी प्रकार की हिंसा अस्वीकार्य है और पुलिस इस मामले में शांति बनाए रखने और दोषियों को जवाबदेह ठहराने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
“खबरीलाल न्यूज़ में यह भी पढ़ें” कैसियस: दुनिया के सबसे बड़े मगरमच्छ की मृत्यु
नेपियन के सांसद चंद्र आर्य ने इस हमले को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों ने सीमा लांघ दी है, जो कनाडा में बढ़ते उग्रवाद का प्रतीक है। उन्होंने इसे कनाडा में गहराते खालिस्तानी चरमपंथ का उदाहरण बताते हुए कहा कि हिंदू-कनाडाई समुदाय को अपनी रक्षा के लिए जागरूक होना चाहिए और अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए। सांसद चंद्र आर्य ने यह भी कहा कि फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर खालिस्तानी चरमपंथियों को खुली छूट मिली हुई है, जिससे वे इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
टोरंटो के सांसद केविन वुओंग ने भी इस घटना पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदू-कनाडाई समुदाय पर हुआ यह हमला चिंताजनक है और कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों का बढ़ता प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों के लिए एक सुरक्षित स्थान बन गया है और यह कनाडाई हिंदुओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाता है।
हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन ने इस हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि खालिस्तानी समर्थक मंदिर पर हमले कर रहे हैं, जिसमें बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को निशाना बनाया जा रहा है। उनका दावा है कि यह सब Khalistani supporters राजनेताओं की शह पर हो रहा है।
कनाडा में लगातार हो रही इन घटनाओं से हिंदू और भारतीय समुदाय में चिंता बढ़ गई है। पिछले कुछ समय से ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और अन्य क्षेत्रों में हिंदू मंदिरों पर हमले हुए हैं, जिससे वहां का भारतीय समुदाय चिंतित और असुरक्षित महसूस कर रहा है।