योगी महासभा का पंडाल: कुंभ मेले की खास तैयारी
प्रयागराज के संगम से करीब 300 मीटर दूर, सेक्टर-15 में योगी महासभा के लिए विशेष तैयारियाँ जोरों पर हैं। यहां 8 बीघे (2 लाख 40 हजार स्क्वायर फीट) में चार बड़े पंडाल लगाए गए हैं और अब तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अपर मेला अधिकारी अपनी टीम के साथ हर एक काम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और ठेकेदारों से जल्द और सही तरीके से काम पूरा करने को कह रहे हैं।
महंतों और अधिकारियों की बैठक
अपर मेला अधिकारी के साथ साधु-संत और महंत भी मौजूद हैं। अधिकारी महंतों को समझा रहे थे, लेकिन महंत बार-बार कहते रहे कि जब तक सभी काम पूर्ण नहीं हो जाते, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता। इस दौरान दैनिक भास्कर के संवाददाता ने साधु शैलेंद्र नाथ से पूछा कि यह पंडाल किसका है? उन्होंने बताया कि यह योगी महासभा का पंडाल है, जिसके अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं।
योगी महासभा का पंडाल: विशेष तैयारी और सुविधाएं
प्रयागराज में संगम की रेती पर 1 लाख से ज्यादा टेंट और पंडाल लगाए गए हैं, लेकिन इनमें सबसे खास है योगी महासभा का पंडाल। मेला प्राधिकरण ने जो जमीन योगी महासभा को आवंटित की है, उसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रुकने की व्यवस्था भी की गई है। इस बार योगी महासभा का कैंप पहले से ज्यादा बड़ा और भव्य है। जमीन करीब ढाई गुना ज्यादा है और यहां सुविधाओं को भी बढ़ाया गया है। नाथ संप्रदाय के संत इस बार विशेष उत्साह के साथ इस कैंप में शामिल होंगे।
इंटरलॉकिंग सड़क और आधुनिक सुविधाएं
योगी महासभा के पंडाल में इंटरलॉकिंग सड़क और जर्मन हैंगर तकनीक से बने चार पंडाल बनाए गए हैं, जो कुंभ मेला क्षेत्र के अन्य पंडालों से कहीं ज्यादा खास हैं। खास बात यह है कि यहां टेम्परेरी इंटरलॉकिंग सड़क भी बनाई गई है, जो अन्य पंडालों में कहीं नहीं दिखाई देती।
भंडारे और खास आयोजन
कुंभ मेला के दौरान कई बड़े मठ और मंदिरों द्वारा भंडारे आयोजित किए जाएंगे, जिनमें योगी महासभा का भंडारा भी शामिल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से भी भंडारा आयोजित किया जाएगा। यह भंडारा गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर द्वारा आयोजित होगा और इसका आयोजन सरकारी खर्च पर नहीं, बल्कि गोरखनाथ मंदिर के तहत होगा।
सीएम योगी के लिए विशेष कॉटेज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए दो विशेष कॉटेज तैयार किए जा रहे हैं, जो केरल बेस्ड थीम पर होंगे। इन कॉटेज में पूजाघर, लाइब्रेरी और मीटिंग हॉल का अलग से प्रबंध किया जा रहा है। इसके अलावा, पूरे प्रांगण में 100 से ज्यादा टॉयलेट्स और नए शौचालय, बाथरूम, और वॉश बेसिन तैयार किए गए हैं। सभी पंडालों और कैंपों में नई मैट बिछाई गई है, और सोफे, कुर्सी, मेज सहित सभी सामान एकदम नए होंगे।
गोरखनाथ पीठ का योगदान
योगी महासभा के मुख्य महंत योगी कृष्ण नाथ ने बताया कि योगी महासभा के सदस्य गोरखनाथ जी के अनुयायी हैं, जिन्होंने योग की स्थापना की थी। इस महासभा का अध्यक्ष हमेशा गोरखनाथ पीठ का पीठाधीश्वर होता है। पहले दिग्विजयनाथ महाराज, फिर महंत अवैद्यनाथ और अब योगी आदित्यनाथ इस महासभा के अध्यक्ष हैं।
कैबिनेट बैठक और बड़े नेता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ में दो से तीन दिन तक रह सकते हैं। इस दौरान उनके सभी मंत्री अपने परिवार के साथ कुंभ मेला में आएंगे। 21 जनवरी को कैबिनेट बैठक आयोजित की जा सकती है। योगी आदित्यनाथ इस कैंप से धर्म संसद में भी शामिल होंगे।
महासभा की स्थापना और इतिहास
योगी महासभा की स्थापना 1939 में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज द्वारा की गई थी। उनके निधन के बाद महंत अवैद्यनाथ इस महासभा के अध्यक्ष बने। 2014 में महंत अवैद्यनाथ के निधन के बाद योगी आदित्यनाथ को इस महासभा का अध्यक्ष चुना गया।
इस तरह, योगी महासभा का पंडाल इस बार कुंभ मेला में सबसे खास और भव्य बना हुआ है, और इसे लेकर भक्तों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है।