पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्र और उसके समीप स्थित बांग्लादेश के ऊपर बने गहरे दबाव के कारण पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, और ओडिशा के कई हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की गई है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, यह दबाव अभी भी सक्रिय है और इसकी वजह से सोमवार को भी इन राज्यों में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, और त्रिपुरा के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। विशेष रूप से, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और पूर्वोत्तर के राज्यों के कई हिस्सों में 20 सितंबर तक भारी बारिश का अनुमान है।
राजस्थान में भारी बारिश का सिलसिला थम चुका है। पिछले 24 घंटों में सिर्फ एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश हुई। जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार, रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, पूर्वी राजस्थान में कुछ जगहों पर मेघ गर्जन के साथ हल्की वर्षा देखी गई, जबकि पश्चिमी राजस्थान में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा। राजसमंद जिले के कुंवारिया में सबसे अधिक सात मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो-तीन दिनों के दौरान राज्य में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा।
हिमाचल प्रदेश में 18 सितंबर से मौसम के बिगड़ने की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 18 सितंबर के लिए भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में मौसम की स्थिति अधिक खराब रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार, 21 सितंबर तक प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना बनी हुई है
शिमला जिले के रामपुर में शनिवार देर रात हुए भूस्खलन ने दहशत फैला दी है। शिकारी नाला क्षेत्र में अचानक पहाड़ी से भारी भूस्खलन होने से 10 अस्थायी घर और सेब के बगीचे तबाह हो गए। मलबा और पत्थर गिरने की आवाज सुनकर लोग रात को ही घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर भागने लगे। लोगों का कहना है कि आवाजें इतनी भयावह थीं कि ऐसा लग रहा था जैसे बादल फट गया हो, हालांकि प्रशासन ने बादल फटने की घटना से इंकार किया है। भूस्खलन की चपेट में आने से आसपास के घरों को भी खतरा पैदा हो गया है।
कुल्लू जिले की सैंज-न्यूली-शैंशर सड़क पर भूस्खलन के कारण वाहनों की आवाजाही 14 घंटे तक बंद रही। शनिवार रात न्यूली पावर हाउस के पास भूस्खलन हुआ, जिससे सड़क पूरी तरह अवरुद्ध हो गई। इसके अलावा, कालका-शिमला नेशनल फोरलेन पर जगह-जगह पत्थर गिरने से एक लेन यातायात के लिए बंद करनी पड़ी, और कसौली-धर्मपुर मार्ग भी तीन घंटे के लिए बंद रहा। रविवार को शिमला, सोलन और अन्य जिलों में दोपहर बाद से बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
उत्तराखंड के तवाघाट में भूस्खलन के बाद फंसे तमिलनाडु के 30 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाल लिया गया है। ये श्रद्धालु आदि कैलाश की यात्रा पर निकले थे और भूस्खलन के कारण तवाघाट में फंस गए थे। रविवार को इन यात्रियों को हवाई मार्ग से निकालकर धारचुला लाया गया। सभी यात्रियों को एक शिविर में ठहराया गया है, जहां उन्हें भोजन और पानी की सुविधा प्रदान की गई है। उत्तराखंड प्रशासन अब इन श्रद्धालुओं को तमिलनाडु भेजने के इंतजाम कर रहा है।