तिरुपति बालाजी मंदिर का टोकन सिस्टम: दर्शन के लिए 50 और 300 रुपये के विकल्प
तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन के दौरान मची भगदड़ ने 6 लोगों की जान ले ली और कई घायल हो गए। आइए जानते हैं मंदिर के टोकन सिस्टम के बारे में और इस घटना के पीछे के कारण।
क्या है तिरुपति बालाजी मंदिर का टोकन सिस्टम?
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टोकन सिस्टम शुरू किया गया है। यह प्रणाली लंबी कतारों को कम करके दर्शन को सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए बनाई गई है।
50 रुपये वाले टोकन
इस प्रणाली में 50 रुपये के टोकन लेकर भक्त मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। हालांकि, ज्यादा भीड़ के कारण इसमें एक दिन या उससे अधिक का समय लग सकता है। कई बार भीड़ बढ़ने पर यह समय 2-3 दिन तक बढ़ जाता है।
300 रुपये वाले VIP टोकन
जिन भक्तों को जल्दी दर्शन चाहिए, उनके लिए 300 रुपये के VIP टोकन की व्यवस्था है। यह टोकन एडवांस में बुक किया जा सकता है, जिससे कुछ घंटों के भीतर दर्शन संभव हो जाता है। यह टिकट ऑनलाइन, डाकघरों और एपीटी ऑनलाइन सेंटर्स के माध्यम से बुक किए जा सकते हैं।
भगदड़ क्यों मची?
बुधवार को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के तहत वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन जारी किए जा रहे थे। 94 काउंटरों पर लगभग 1 लाख से अधिक टोकन जारी होने थे। लेकिन, भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। 10 से 19 जनवरी तक चलने वाले वैकुंठ एकादशी और वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े।
बुजुर्ग और विकलांगों के लिए विशेष व्यवस्था
मंदिर प्रशासन ने बुजुर्ग और विकलांग तीर्थयात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था की है। यह व्यवस्था 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए है। इन्हें मंदिर के पास अलग प्रवेश द्वार से दर्शन कराया जाता है।
- दर्शन का समय:
- सुबह 10:00 बजे
- दोपहर 3:00 बजे
- टोकन संख्या:
- रोजाना 1400 टोकन जारी होते हैं।
- शुक्रवार और बुधवार को सिर्फ दोपहर के स्लॉट के लिए 1000 टोकन जारी होते हैं।
दर्शन के लिए नियम और सावधानियां
मंदिर में दर्शन को व्यवस्थित करने के लिए प्रबंधन ने कई नियम बनाए हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टोकन प्रणाली को बेहतर बनाने की कोशिश जारी है।
10 दिवसीय विशेष दर्शन
10 से 19 जनवरी तक चलने वाले विशेष दर्शन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इस बार भी वैकुंठ एकादशी के दौरान दर्शन की व्यवस्था को लेकर कई सावधानियां बरती जा रही हैं।
निष्कर्ष
तिरुपति बालाजी मंदिर का टोकन सिस्टम दर्शन को सुगम बनाने के लिए है, लेकिन भारी भीड़ के कारण इस बार यह हादसा हो गया। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन को और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।