आरजी कर केस: हमें न्याय चाहिए, मुआवजा नहीं… पीड़िता के मां-बाप ने ठुकरा दिया 17 लाख
कोलकाता। पिछले साल कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में रेप और मर्डर की शिकार हुई 34 वर्षीय ट्रेनी लेडी डॉक्टर के माता-पिता ने अदालत के आदेश से मिलने वाले 17 लाख रुपये के मुआवजे को लेने से इनकार कर दिया है। सियालदह कोर्ट में सुनवाई के दौरान, पीड़िता के मां-बाप ने जज से कहा, “हमें मुआवजा नहीं चाहिए, बल्कि न्याय चाहिए।”
मुआवजा एक कानूनी प्रावधान, पर न्याय चाहिए
यह मामला अत्यधिक संवेदनशील और हाई-प्रोफाइल था, जिसमें अदालत ने आरोपी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जज अनिरबन दास ने कहा कि यह अपराध ‘दुर्लभतम’ नहीं है, जिसके लिए मृत्युदंड दिया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने मुआवजे को एक कानूनी प्रावधान बताते हुए पीड़िता के माता-पिता से आग्रह किया कि वे इस राशि का उपयोग अपनी इच्छानुसार करें। जज ने यह भी स्पष्ट किया कि यह राशि उनके नुकसान की भरपाई के लिए नहीं है।
संजय रॉय ने खारिज किया सबूतों का दावा
संजय रॉय, जो पहले सिविक पुलिस वालंटियर था, को दो दिन पहले ही इस घातक अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। कोर्ट में अपनी दलील में रॉय ने कहा कि उसे ‘फंसाया’ गया है और अधिकारियों पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया। हालांकि, जज दास ने उसके दावे को खारिज करते हुए कहा कि मामले में पेश किए गए सबूतों के आधार पर आरोपी के खिलाफ आरोप साबित हो गए हैं।
सीबीआई की मृत्युदंड की मांग
इस केस की सुनवाई के दौरान, सीबीआई ने आरोपी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी। सीबीआई ने तर्क दिया था कि समाज में विश्वास बहाल करने के लिए इसे जरूरी समझा गया। लेकिन अदालत ने इससे असहमत होते हुए कहा कि इस अपराध के लिए मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता है।
ट्रेनी डॉक्टर का शव सेमिनार रूम में मिला
गौरतलब है कि ट्रेनी लेडी डॉक्टर को 9 अगस्त 2024 को अस्पताल के सेमिनार रूम में मृत पाया गया था। संजय रॉय को एक दिन बाद गिरफ्तार किया गया था। प्रारंभ में रॉय ने अपराध को कबूल किया था, लेकिन बाद में उसने दावा किया कि उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
इस मामले में न्याय की उम्मीदें अब भी बनी हुई हैं, लेकिन पीड़िता के माता-पिता ने मुआवजे को ठुकराते हुए केवल न्याय की मांग की है।