दिल्ली विधानसभा चुनाव: सियासी विरासत बचाने की जद्दोजहद
दिल्ली विधानसभा चुनावों में इस बार सियासी परिवारों का दबदबा देखने को मिल रहा है। सत्ता संग्राम में दिग्गजों के वंशज अपने पूर्वजों की राजनीतिक विरासत को बचाने के लिए मैदान में उतर आए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री के पोते से लेकर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे चुनावी अखाड़े में दमखम दिखाने के लिए तैयार हैं। इस चुनावी मुकाबले में जहां सात विधायकों के परिवारवालों को टिकट मिला है, वहीं कई महिला पार्षदों के पति भी इस बार चुनावी मैदान में हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के वंशज
इस बार के चुनाव में दिल्ली के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे पहली बार एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना, साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा, और कांग्रेस से शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित शामिल हैं। ये सभी अपने-अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनावी मैदान में हैं। जहां एक तरफ भाजपा और कांग्रेस में इन दिग्गजों के बेटों के बीच मुकाबला है, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) से भी कई उम्मीदवार इस मुकाबले में उतरे हैं, जिनके परिवार की सियासी पृष्ठभूमि है।
विधायकों और पूर्व मंत्रियों के परिवार
दिल्ली के कई मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री भी इस चुनाव में अपने परिवारजनों को मैदान में उतारने जा रहे हैं। आप ने कृष्णा नगर सीट पर एसके बग्गा की जगह उनके बेटे विकास बग्गा को टिकट दिया है। वहीं, चांदनी चौक सीट पर प्रह्लाद साहनी के बेटे पुरुनदीप साहनी को मौका मिला है। इसी तरह, मटिया महल से शोएब इकबाल की जगह उनके बेटे आले मोहम्मद इकबाल को टिकट दिया गया है। इसके अलावा, सीलमपुर के पूर्व विधायक मतीन अहमद के बेटे जुबैर अहमद को भी आप से टिकट मिला है। मुस्तफाबाद से कांग्रेस ने हसन अहमद के बेटे अली मेहंदी को प्रत्याशी बनाया है।
महिला पार्षदों के पति भी मैदान में
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कई महिला पार्षदों के पति भी इस बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। महिला पार्षद कुसुम लता के पति रमेश पहलवान को कस्तूरबा नगर से आप ने टिकट दिया है। पार्षद मीणा यादव के पति तरुण यादव को नजफगढ़ से, और पार्षद पूनम भारद्वाज के पति सुरेंद्र भारद्वाज को बिजवासन से आप ने टिकट दिया है। वहीं, पार्षद नीतू चौधरी के पति मनीष चौधरी को भाजपा ने ओखला से टिकट दिया है, और पार्षद रेखा चौधरी के पति महेंद्र चौधरी महरौली से आप के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।
सियासी मुकाबले में गर्मी
इन चुनावों में सियासी परिवारों की मौजूदगी से मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। जहां एक ओर दिग्गजों के वंशज अपनी राजनीतिक विरासत को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई नए चेहरे भी अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस चुनाव में यह देखना होगा कि कौन अपनी सियासी विरासत को आगे बढ़ा पाता है और कौन पीछे रह जाता है। 8 जनवरी को इस जंग का परिणाम साफ हो जाएगा और सियासी अखाड़े में कौन बाजी मारता है, यह तय होगा।