दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के तहत मुख्यमंत्री के पास पहली बार विभाग होंगे, और दिलचस्प बात यह है कि नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद भी नहीं होगा। पिछले कार्यकाल में, अरविंद केजरीवाल ने ज्यादातर समय विभागों को अपने पास नहीं रखा था, जबकि मनीष सिसोदिया लगातार उपमुख्यमंत्री रहे थे। यह नया बदलाव केजरीवाल की नेतृत्व शैली में एक महत्वपूर्ण मोड़ दर्शाता है।
शनिवार को आतिशी के नेतृत्व में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद सभी मंत्रियों को कार्य आवंटन नियम, 1993 के तहत विभाग आवंटित कर दिए गए, जिसे उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंजूरी दी। मुख्यमंत्री आतिशी ने 13 महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे हैं, जिनमें बिजली, पानी और शिक्षा शामिल हैं—ये सभी मुद्दे आम आदमी पार्टी की प्राथमिकता में हैं। इसके अलावा, उनके पास राजस्व, योजना और सेवा विभाग जैसे अन्य महत्वपूर्ण विभाग भी हैं।
सौरभ भारद्वाज आठ विभागों के साथ सरकार में दूसरे नंबर के मंत्री बन गए हैं, जिसमें स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय शामिल हैं। कैलाश गहलोत और मुकेश अहलावत पांच-पांच विभागों के साथ तीसरे नंबर के मंत्री हैं। गोपाल राय तीन मंत्रालयों के साथ चौथे और इमरान हुसैन दो विभागों के साथ पांचवें नंबर के मंत्री बनाए गए हैं।
दिल्ली में नई सरकार में विभागों का आवंटन इस प्रकार किया गया है: मुख्यमंत्री आतिशी के पास 13 विभाग हैं, जिसमें लोक निर्माण, बिजली, शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा, जनसंपर्क, राजस्व, वित्त, योजना, सेवाएं, सतर्कता, जल, और विधि एवं न्याय शामिल हैं। सौरभ भारद्वाज को आठ विभाग मिले हैं, जिनमें शहरी विकास, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, स्वास्थ्य, उद्योग, कला, संस्कृति एवं भाषा, पर्यटन, समाज कल्याण, और सहकारिता शामिल हैं। गोपाल राय को विकास, सामान्य प्रशासन, और पर्यावरण, वन एवं वन्य जीवन के विभाग सौंपे गए हैं। कैलाश गहलोत को परिवहन, प्रशासनिक सुधार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, गृह, और महिला एवं बाल विकास के विभाग मिले हैं। इमरान हुसैन को खाद्य एवं आपूर्ति और चुनाव का कार्यभार दिया गया है, जबकि मुकेश अहलावत को गुरुद्वारा चुनाव, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, भूमि एवं भवन, श्रम, और रोजगार के पांच विभाग सौंपे गए हैं।