सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों के संघों को आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय टास्क फोर्स सभी हितधारकों की बात सुनेगा। कोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों के प्रति संवेदना व्यक्त की। एम्स नागपुर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने कोर्ट को बताया कि कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले को लेकर हो रहे विरोध के चलते उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताली डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया और एम्स नागपुर के वकील को भरोसा दिलाया कि अगर डॉक्टर काम पर लौटते हैं, तो उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि यदि डॉक्टर काम नहीं करेंगे तो सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा कैसे चलेगा?
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा अब सीआईएसएफ ने संभाल ली है। डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) के नेतृत्व में सीआईएसएफ की टीम उस अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची, जहां इस महीने की शुरुआत में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी।