पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए दुष्कर्म और हत्या मामले में आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा रहा है। इससे पहले कॉलेज के पूर्व प्राचार्य सहित पांच लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट हो चुका है।
CBI अधिकारी गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए कोलकाता के प्रेसिडेंसी जेल पहुंचे हैं। इस टेस्ट के दौरान, एक मशीन की मदद से व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है जब वह प्रश्नों का उत्तर दे रहा होता है, जिससे यह पता चलता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट उसी जेल में किया जा रहा है जहां वह बंद है। इसके अलावा, पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, घटना की रात ड्यूटी पर मौजूद चार चिकित्सक और एक नागरिक स्वयंसेवक सहित छह अन्य लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट CBI के कोलकाता स्थित कार्यालय में किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि संदीप घोष लगातार नौवें दिन शनिवार सुबह CBI के साल्ट लेक स्थित CGO कॉम्प्लेक्स कार्यालय पहुंचे, जहां से उन्हें जांच के लिए ले जाया गया। जिन लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा रहा है, उनमें प्रथम वर्ष के दो स्नातकोत्तर प्रशिक्षु भी शामिल हैं, क्योंकि जांचकर्ताओं को अस्पताल के उस सम्मेलन कक्ष के अंदर उनके उंगलियों के निशान मिले थे, जहां पीड़िता का शव मिला था।
अपराध स्थल से छेड़छाड़ का आरोप
इससे पहले, CBI ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले को दबाने की कोशिश की थी। जब तक CBI ने जांच अपने हाथ में ली, तब तक अपराध स्थल से छेड़छाड़ की जा चुकी थी।
मामले की पृष्ठभूमि
इस घटना के खिलाफ देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। 9 अगस्त को कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक चिकित्सक का शव मिला था, जिस पर गंभीर चोटों के निशान थे। इस घटना के संबंध में संजय रॉय को अगले दिन गिरफ्तार किया गया था। 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच CBI को सौंप दी, जिसके बाद अगले ही दिन केंद्रीय एजेंसी ने जांच अपने हाथ में ले ली।