इल्तिजा मुफ्ती बोलीं- हिंदुत्व एक बीमारी है: इसने भगवान के नाम को कलंकित किया, जय श्री राम का नारा लगाकर लिचिंग हो रही
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में इस बार महबूबा मुफ्ती ने चुनावी मैदान में नहीं उतरीं। इसके बजाय, उन्होंने अपनी बेटी इल्तिजा को चुनावी मैदान में उतारा। बिजबेहरा सीट पर इल्तिजा को पहले ही चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इस सीट पर 25 साल तक मुफ्ती परिवार का गढ़ रहा था, लेकिन इस बार नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की।
हालांकि, इल्तिजा ने हार के बाद भी अपने बयान से सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने हिंदुत्व को लेकर एक विवादित बयान दिया। इल्तिजा का कहना था कि हिंदुत्व एक बीमारी है जिसने लाखों भारतीयों को बीमार कर दिया है। उनका कहना था कि यह विचारधारा भगवान के नाम को भी कलंकित कर रही है। इल्तिजा ने कहा, “जय श्री राम” का नारा अब राम राज्य के बारे में नहीं है। इसके बजाय, इसका इस्तेमाल अब भीड़ द्वारा हत्या के दौरान किया जाता है।
इल्तिजा की ये बातें एक कथित वायरल वीडियो के संदर्भ में थीं, जिसमें कुछ लोग नाबालिग मुस्लिम लड़कों को “जय श्री राम” का नारा लगाने के लिए मजबूर कर रहे थे। 6 दिसंबर को यह वीडियो वायरल हुआ, और इसके बाद इल्तिजा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने हिंदुत्व की आलोचना करते हुए कहा कि यह विचारधारा 1940 के दशक में वीर सावरकर द्वारा प्रचारित नफरत की विचारधारा है।
हिंदुत्व और हिंदू धर्म में बड़ा अंतर
इल्तिजा ने आगे कहा कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व में बड़ा अंतर है। उनका मानना था कि हिंदू धर्म भी इस्लाम की तरह धर्मनिरपेक्षता, प्रेम और करुणा को बढ़ावा देने वाला धर्म है। उन्होंने कहा, “हमें हिंदू धर्म को जानबूझकर बिगाड़ने नहीं देना चाहिए।” उनका यह भी कहना था कि धर्म के नाम पर की जा रही हिंसा से इस्लामोफोबिया और हिंदू धर्म में भी ऐसी ही स्थिति पैदा हो रही है।
इससे पहले, शनिवार को भी इल्तिजा ने भगवान राम के बारे में एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम को शर्म से सिर झुका लेना चाहिए और देखना चाहिए कि कैसे नाबालिग मुस्लिम लड़कों को केवल इसलिए पीटा जा रहा है क्योंकि उन्होंने उनका नाम लेने से इंकार कर दिया था।
भाजपा ने मांगी माफी
इस बयान पर भाजपा नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के नेता रविंदर रैना ने इल्तिजा मुफ्ती से माफी मांगने की मांग की है। रैना का कहना था कि पीडीपी नेता ने हिंदू धर्म के खिलाफ बहुत अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है और ऐसा भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए। रैना ने यह भी कहा कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन किसी भी धर्म के खिलाफ इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी स्वीकार नहीं की जा सकती।
इसके बाद इल्तिजा ने एक और पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि इस्लाम के नाम पर की गई हिंसा ने इस्लामोफोबिया को बढ़ावा दिया है और अब हिंदू धर्म के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय धर्म के नाम पर हिंसा का प्रयोग अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार करने के लिए किया जा रहा है।
बिजबेहरा सीट पर हार
बिजबेहरा, जो मुफ्ती परिवार का गढ़ रहा था, इस बार पीडीपी के लिए हार का सामना कर गया। इल्तिजा ने इस चुनावी सीट पर अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यह सीट 25 साल तक मुफ्ती परिवार के नियंत्रण में थी, लेकिन इस बार नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार ने इस सीट पर जीत हासिल की।
बिजबेहरा सीट पर हार के बाद, इल्तिजा ने मंदिर-मस्जिद विवाद पर भी अपनी राय दी थी। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढने के बजाय यह चाहते हैं कि वे मस्जिदों के नीचे अपना वोट बैंक पाएंगे।
इल्तिजा ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में यह भी कहा था कि कुछ लोग यह दिखाना चाहते हैं कि उन्होंने मुसलमानों को तंग किया है। उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे धर्मनिरपेक्षता और समाज में प्यार और भाईचारे की अहमियत पर जोर दे रही हैं।