महाकुंभ का शुभारंभ, संगम पर सनातन का सबसे बड़ा संगम
महाकुंभ के शुभारंभ की प्रतीक्षा आखिरकार समाप्त हो गई। सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में जैसे ही घड़ी की सुई 4:32 पर पहुंची, महाकुंभ की शुरुआत हो गई। यह वही पुण्यकाल था, जब पौष पूर्णिमा का स्नान पर्व शुरू हुआ। हालांकि, श्रद्धालु इतने व्यग्र थे कि उन्होंने आधी रात से ही गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम पर स्नान करना शुरू कर दिया। संगम क्षेत्र में इस दिन से माह भर का कल्पवास भी आरंभ हो गया है।
आधी रात से ही स्नान प्रारंभ
पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व का पुण्यकाल शुरू होने से पहले ही श्रद्धालु संगम पर स्नान के लिए पहुंचने लगे। आधी रात के बाद से ही गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर स्नान करने की होड़ मच गई थी। यह पावन स्नान पर्व खासकर उन श्रद्धालुओं के लिए है, जो इस अवसर पर अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं। संगम पर स्नान करने के लिए दूर-दूर से आए भक्तों की भारी भीड़ का असर मेला क्षेत्र में भी साफ नजर आ रहा है।
मकर संक्रांति का अमृत स्नान
महाकुंभ के दौरान मंगलवार को मकर संक्रांति का अमृत स्नान भी होने जा रहा है, जो श्रद्धालुओं के लिए खास महत्व रखता है। मकर संक्रांति के साथ इस वर्ष का स्नान पर्व एक अद्भुत संयोग प्रस्तुत कर रहा है, जिसे लेकर भक्तों में खासा उत्साह है। ठंड और हल्की बूंदाबांदी के बावजूद, श्रद्धालु बिना रुके संगम में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं।
संतों और महात्माओं की उपस्थिति
महाकुंभ में संतों और महात्माओं के शिविरों का आयोजन भी जारी है। मेला क्षेत्र में जहां एक ओर प्रवचन और वेद की ऋचाओं की गूंज सुनाई दे रही है, वहीं दूसरी ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। श्रद्धालु न केवल संगम पर स्नान कर रहे हैं, बल्कि इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भी भाग ले रहे हैं।
हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा
महाकुंभ के इस विशाल आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं को खास सम्मान दिया जाएगा। पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति पर मेला क्षेत्र के 44 घाटों पर स्नान करने पहुंचे संतों और श्रद्धालुओं पर सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई जाएगी। यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा, जो उनके धार्मिक उत्साह को और बढ़ाएगा।
कारोबार और आर्थिक उम्मीदें
प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि इस महाकुंभ में देश-विदेश से लगभग 40 करोड़ श्रद्धालु और पर्यटक आएंगे। इस विशाल आयोजन के साथ व्यापार का भी एक महत्वपूर्ण पहलू जुड़ा हुआ है। अनुमान है कि इस मेले में हर श्रद्धालु का औसत खर्च करीब 10 हजार रुपये तक पहुंच सकता है, जिससे कुल कारोबार लगभग चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
बुधादित्य योग और शुभ संयोग
इस बार पौष पूर्णिमा पर बुधादित्य योग का अद्भुत संयोग बन रहा है, जो इस दिन के महत्व को और बढ़ाता है। इस संयोग के तहत, श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर अपने जीवन के सभी दुखों का निवारण और संकल्प सिद्धि के लिए यज्ञ व अनुष्ठान करेंगे। धर्माचार्यों का मानना है कि इस विशेष दिन पर संगम के पवित्र जल में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है।
महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि एक बड़ा सामाजिक और आर्थिक पर्व भी है, जिसमें हर कोई अपने जीवन में शुद्धि और शुभता की प्राप्ति के लिए भाग लेता है।