कांग्रेस के एक और CM पर आफत: ईडी ने 300 करोड़ की संपत्ति अटैच की
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके सहयोगियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत सिद्धारमैया और उनसे जुड़े कई व्यक्तियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 300 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर दी है। यह कार्रवाई प्लाट आवंटन घोटाले को लेकर की गई है, जो मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से जुड़ा हुआ है।
ईडी की बड़ी कार्रवाई
ईडी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके करीबी लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत 142 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है। ये संपत्तियां मुख्य रूप से रियल एस्टेट व्यवसायियों और एजेंटों के नाम पर पंजीकृत हैं, जिनके खिलाफ जांच चल रही है। इन संपत्तियों का कुल मूल्य 300 करोड़ रुपये बताया जा रहा है, जो सिद्धारमैया के करीबी लोगों के नाम पर हैं। यह कार्रवाई लोकायुक्त पुलिस द्वारा प्लाट आवंटन घोटाले के मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद की गई।
प्लाट आवंटन घोटाला
इस मामले की जड़ मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) में हुए प्लाट आवंटन घोटाले से जुड़ी हुई है। MUDA ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को 14 स्थानों पर प्लॉट आवंटित किए थे। आरोप है कि MUDA ने उनकी 3.16 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया था। यह जमीन बीएम पार्वती के भाई बीएम मल्लिकार्जुनस्वामी ने 20 साल पहले उन्हें तोहफे में दी थी। इस मामले में आरोपों के बाद कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दी थी, और इस पर कार्रवाई शुरू हुई थी।
आरोप और जांच
ईडी द्वारा की गई जांच के मुताबिक, MUDA ने जिस जमीन को ₹3,24,700 में अधिग्रहित किया था, उसकी कीमत अब कई गुना बढ़कर ₹56 करोड़ हो गई है। इस प्रक्रिया में पूर्व MUDA आयुक्त डीबी नटेश की भूमिका भी महत्वपूर्ण बताई जा रही है। ईडी ने इस घोटाले में प्रमुख भूमिका निभाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और यह जांच अभी भी जारी है।
राजनीतिक हलचल
इस घोटाले के बाद, कांग्रेस पार्टी की छवि को लेकर सवाल उठने लगे हैं। हिमाचल प्रदेश में समोसा कांड की वजह से कांग्रेस सरकार पहले से ही घेरे में थी, और अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर भ्रष्टाचार के आरोपों का मामला भी सामने आ गया है। यह घटनाक्रम कांग्रेस पार्टी के लिए मुश्किलों का कारण बन सकता है, क्योंकि राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगातार बढ़ रहे हैं।
कर्नाटक में यह मामला राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, और राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर अब यह भारी आरोप लगे हैं, जो कांग्रेस के लिए एक और संकट बन गया है।