पृथ्वी की सतह सात प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है, जो लगातार धीमी गति से घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स आपस में टकराती या खिसकती हैं, वहां तनाव उत्पन्न होता है, और ऐसे क्षेत्रों को फॉल्ट लाइन या दोष रेखा कहा जाता है। इन प्लेट्स के बार-बार टकराने से किनारों पर मोड़ और दबाव बनता है। जब यह दबाव अत्यधिक हो जाता है, तो प्लेट्स टूटने या खिसकने लगती हैं। इस प्रक्रिया में अंदर जमा हुई ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है, जिससे भूकंप की उत्पत्ति होती है। यह ऊर्जा ही झटकों के रूप में धरती की सतह पर महसूस की जाती है।
भूकंप का केंद्र (एपिसेंटर) वह स्थान होता है जो पृथ्वी की सतह पर ठीक उस बिंदु के ऊपर स्थित होता है, जहां प्लेटों में हलचल के कारण भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इसे भूकंप का उत्पत्ति बिंदु भी कहा जाता है। इस स्थान के आसपास भूकंप के झटके सबसे ज्यादा महसूस होते हैं।
भूकंप की तीव्रता, जो रिक्टर स्केल पर मापी जाती है, इस बात का माप है कि भूकंप कितना शक्तिशाली था। अगर रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 या उससे अधिक होती है, तो 40 किमी के दायरे में भूकंप के झटके तीव्र होते हैं। हालाँकि, इसका प्रभाव इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति (कंपन) ऊपर की तरफ है या चारों दिशाओं में फैली हुई है। अगर ऊर्जा सीधी ऊपर की ओर जाती है, तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा, लेकिन उस क्षेत्र में झटके अधिक शक्तिशाली होंगे।
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल भी कहा जाता है। यह पैमाना भूकंप के केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा को मापता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 के बीच मापा जाता है, जहां प्रत्येक बढ़ती संख्या 10 गुना अधिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है।
भूकंप के दौरान, पृथ्वी के भीतर से निकलने वाली ऊर्जा को भूकंपीय तरंगों के रूप में दर्ज किया जाता है। इन तरंगों की तीव्रता और कंपन को मापने के लिए सिस्मोग्राफ नामक उपकरण का उपयोग किया जाता है। रिक्टर स्केल के आधार पर मापी गई तीव्रता से भूकंप की भयावहता का पता चलता है, जिससे वैज्ञानिक यह अंदाजा लगाते हैं कि झटके कितने शक्तिशाली थे और उनका प्रभाव कितना व्यापक हो सकता है।
- 1-2: हल्के झटके, अक्सर महसूस नहीं होते।
- 3-4: हल्का भूकंप, थोड़ा कंपन।
- 5-6: मध्यम तीव्रता, इमारतों में हल्का नुकसान।
- 7-8: उच्च तीव्रता, बड़े पैमाने पर नुकसान।
- 9+: अत्यंत विनाशकारी, बड़े क्षेत्र में भारी तबाही।