पुलिस ने केवल हल्का बल प्रयोग किया: बीपीएससी परीक्षा पर डीएसपी अनु कुमारी की प्रतिक्रिया
BPSC Exam Protest: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी 18 दिसंबर से गर्दनीबाग धरना स्थल पर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। 25 दिसंबर को यह प्रदर्शन और भी उग्र हो गया, जब बीपीएससी कार्यालय का घेराव करने के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हो गया। इस घटनाक्रम में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
प्रदर्शनकारियों को उकसाया जा रहा था
डीएसपी अनु कुमारी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदर्शन के दौरान कुछ शिक्षकों द्वारा छात्रों को उकसाया जा रहा था। साथ ही, कई सोशल मीडिया हैंडल्स द्वारा छात्रों को भ्रमित करने और उकसाने के लिए पोस्ट भी की जा रही थीं। डीएसपी ने बताया कि 23 दिसंबर को भी गर्दनीबाग अस्पताल में अभ्यर्थियों ने तोड़फोड़ की थी, और 25 दिसंबर को बीपीएससी अभ्यर्थियों ने अवैध रूप से सैकड़ों की संख्या में बीपीएससी कार्यालय का घेराव किया था।
पुलिस ने की हल्की कार्रवाई
डीएसपी अनु कुमारी ने आगे बताया कि प्रशासन ने पहले अभ्यर्थियों को समझाने का प्रयास किया था, लेकिन वे उग्र हो गए और हटने को तैयार नहीं थे। इसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस लाठीचार्ज में किसी भी छात्र को गंभीर चोट नहीं आई। उन्होंने कहा कि पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया था, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
विधि-व्यवस्था की समस्या
डीएसपी ने बताया कि 25 दिसंबर को घेराव के दौरान प्रदर्शनकारी बिना अनुमति के बीपीएससी कार्यालय के पास जमा हो गए थे, जिससे विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गई। खासतौर पर नेहरू पथ, जो राजधानी की सबसे व्यस्त सड़क है, पर प्रदर्शनकारियों ने अवैध रूप से मार्ग को अवरुद्ध कर दिया था। यह सड़क पहले से ही प्रतिबंधित क्षेत्र है और वहां पर इस तरह के प्रदर्शन से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
एफआईआर और कार्रवाई
डीएसपी ने यह भी बताया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा उकसाने, भड़काने और अस्पताल में तोड़फोड़ करने के मामले में गर्दनीबाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। सभी संबंधित छात्रों, शिक्षकों और अन्य लोगों के खिलाफ विधि संबंधित कार्रवाई के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें।
छात्र-छात्राओं की मांग
BPSC परीक्षा को लेकर छात्रों की मुख्य मांग यह थी कि पीटी परीक्षा को रद्द किया जाए और जो समस्याएं परीक्षा से जुड़ी हैं, उनका समाधान किया जाए। छात्रों का आरोप था कि पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, जिससे कई छात्र घायल हो गए हैं। छात्रों के इस आरोप के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं, लेकिन डीएसपी अनु कुमारी ने इसे ‘हल्का बल प्रयोग’ बताते हुए स्थिति को नियंत्रण में लेने की बात कही है।