दिल्ली और उत्तर भारत में ठंड बढ़ी, तापमान में गिरावट जारी
दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड का असर तेज़ी से बढ़ रहा है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अगले 3-4 दिनों में कोहरा, बादल और हल्की बारिश के चलते न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री तक गिरावट आने की संभावना है। सफदरजंग मौसम केंद्र में इस सीजन पहली बार न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया गया है।
8 दिसंबर को बारिश की संभावना
दिल्ली में 8 दिसंबर को बारिश होने का अनुमान है, जिससे ठंड और बढ़ सकती है। आज (7 दिसंबर) का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री और अधिकतम 25 डिग्री तक जा सकता है। अगले कुछ दिनों में तापमान और गिरने की उम्मीद है, जिससे सुबह-शाम की ठंड और तीव्र हो जाएगी।
हिमाचल-उत्तराखंड में बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। इसका सीधा असर मैदानी इलाकों में महसूस किया जा रहा है। पंजाब और हरियाणा में घना कोहरा छाया रहेगा। पंजाब में न्यूनतम तापमान 6-8 डिग्री के बीच रह सकता है, जबकि अधिकतम तापमान 23 डिग्री तक जाएगा। हरियाणा में भी ऐसा ही मौसम रहेगा। चंडीगढ़ में अगले तीन दिनों तक कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है।
यूपी और बिहार में बारिश का अलर्ट
उत्तर प्रदेश और बिहार में ठंड के साथ-साथ बारिश और कोहरे की संभावना जताई गई है। यूपी के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में देर रात और सुबह कोहरा छाने की संभावना है। 8-9 दिसंबर को बारिश के बाद 10 दिसंबर से मौसम साफ हो सकता है। बिहार में न्यूनतम तापमान 10-14 डिग्री तक रहेगा। कोहरे के कारण सुबह के समय ठंड अधिक महसूस होगी।
मध्य प्रदेश में भी ठंड का असर
मध्य प्रदेश के कई इलाकों में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। भोपाल में न्यूनतम तापमान 13 डिग्री और अधिकतम 27 डिग्री रहने की संभावना है। रीवा, छिंदवाड़ा और बैतूल जैसे जिलों में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
दिल्ली का प्रदूषण और AQI
दिल्ली-एनसीआर में ठंड के साथ प्रदूषण भी बढ़ा है। राजधानी का AQI 291 रिकॉर्ड किया गया, जो “खराब” श्रेणी में आता है। अन्य शहरों का हाल इस प्रकार है:
- वाराणसी: 57
- आगरा: 90
- लखनऊ: 168
- मुंबई: 144
- पटना: 349
ठंड का असर बढ़ने की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, 10-11 दिसंबर तक दिल्ली में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री तक गिर सकता है। कोहरे और बारिश के कारण ठंड और तेज़ हो सकती है। पूरे उत्तर भारत में मौसम की ठिठुरन जारी रहेगी, जिससे लोग घरों में ही रहने को मजबूर हो सकते हैं।