बीजेपी के चुनाव अधिकारी नियुक्त: प्रदेश अध्यक्षों और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के चुनाव की तैयारी
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आगामी संगठनात्मक चुनावों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश अध्यक्षों और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के लिए चुनाव अधिकारियों की घोषणा कर दी है। इन चुनावों के माध्यम से पार्टी अपने संगठन को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
राज्यों के लिए नियुक्त हुए चुनाव अधिकारी
बीजेपी ने हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए अलग-अलग नेताओं को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है। इनमें निम्नलिखित प्रमुख नाम शामिल हैं:
- अंडमान-निकोबार: तमिलिसाई सुंदरराजन
- आंध्र प्रदेश: पीसी मोहन
- अरुणाचल प्रदेश: सर्बानंद सोनोवाल
- असम: गजेंद्र सिंह शेखावत
- चंडीगढ़: सरदार नरिंदर सिंह रैना
- छत्तीसगढ़: विनोद तावड़े
- दादरा-नगर हवेली, दमन और दीव: डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल
- हरियाणा: भूपेंद्र यादव
- हिमाचल प्रदेश: डॉ. जितेंद्र सिंह
- जम्मू-कश्मीर: संजय भाटिया
- केरल: प्रह्लाद जोशी
- लद्दाख: जयराम ठाकुर
- लक्षद्वीप: पोन राधाकृष्णन
- मेघालय: जॉर्ज कुरियन
अन्य राज्यों के लिए अधिकारी
- मिजोरम: वानति श्रीनिवासन
- नागालैंड: वी. मुरलीधरन
- ओडिशा: संजय जायसवाल
- पुदुचेरी: तरुण चुघ
- राजस्थान: विजय रूपाणी
- सिक्किम: किरण रिजिजू
- तमिलनाडु: जी. किशन रेड्डी
- तेलंगाना: कुमारी शोभा करंदलाजे
- त्रिपुरा: जुएल ओराम
चुनाव की प्रक्रिया और समयसीमा
बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करने से पहले 50 प्रतिशत राज्यों में संगठनात्मक चुनाव कराना अनिवार्य है। इसी के तहत 15 जनवरी 2025 तक सभी राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव संपन्न किया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रदेश अध्यक्षों में बदलाव की तैयारी
संगठनात्मक मजबूती के लिए जनवरी 2025 तक प्रदेश अध्यक्षों को बदला जाएगा। यह प्रक्रिया राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले की तैयारी का हिस्सा है। इस बार के चुनाव महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह आगामी लोकसभा चुनावों के दृष्टिकोण से संगठन को नई ऊर्जा देने का प्रयास है।
चुनाव की अहमियत
इन चुनावों के जरिए पार्टी संगठन को अधिक लोकतांत्रिक और पारदर्शी बनाने की कोशिश की जा रही है। चुनाव अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रक्रिया निष्पक्ष और सुचारू रूप से पूरी हो।
बीजेपी ने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है। इससे न केवल संगठन में नई जान आएगी बल्कि आगामी चुनावों में पार्टी को बेहतर प्रदर्शन करने में भी मदद मिलेगी।