पूर्णिया में नौकरी और नेटवर्किंग के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। सदर थाना पुलिस ने मंगलवार रात को रामबाग पिंक सिटी के विभिन्न लॉजों में छापेमारी कर 200 से अधिक युवकों को मुक्त कराया। ये युवक पश्चिम बंगाल के निवासी हैं और उन्हें जहांगीर, आशीष, और कैसर ने नौकरी देने का वादा कर बुलाया था। पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि इन युवाओं को नौकरी का झांसा देकर बुलाया जाता था, ट्रेनिंग के नाम पर पैसे वसूले जाते थे, और फिर उन्हें बंधक बना लिया जाता था। इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश आयुर्वेद की कंपनी के नाम पर किया गया था।
सात लोगों का गिरोह फर्जीवाड़ा कर रहा था। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह ने पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया, जिसमें चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, गिरोह का मास्टरमाइंड अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है। इस मामले में सदर थाना में एफआईआर दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है। पकड़े गए आरोपियों में जहांगीर, आशीष, कैसर, रोहित, और सोनू शामिल हैं। पुलिस ने उनके पास से कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए हैं।
जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी लोगों को नौकरी देने के बहाने पूर्णिया बुलाते थे और फिर उन्हें बंधक बना लेते थे। वे पैसे वसूलने के बाद, युवाओं को आयुर्वेद की कंपनी में काम करने के लिए मजबूर करते थे। पुलिस ने बताया कि यह मामला बड़े स्तर पर चल रहा था और इसमें कई राज्यों के लोग शामिल थे। पुलिस को इस मामले में और गिरफ्तारियों की संभावना है।