दिवाली के बाद बांग्लादेश में बिजली संकट की आशंका बढ़ रही है, क्योंकि अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पावर झारखंड लिमिटेड ने बांग्लादेश को बिजली की सप्लाई आधी कर दी है। इसकी वजह यह है कि बांग्लादेश पर अडानी का 846 मिलियन डॉलर का बकाया है। यदि यह मामला जल्दी सुलझा नहीं पाया गया, तो आने वाले दिनों में बांग्लादेश में अंधेरा छा सकता है।
अडानी पावर ने बांग्लादेश को अपनी बिजली की सप्लाई 30 अक्टूबर तक बकाया राशि का भुगतान करने की चेतावनी दी थी। यदि बकाया न चुकाया गया, तो अडानी ने 31 अक्टूबर को बिजली सप्लाई रोकने की बात कही थी। अडानी कंपनी का कहना है कि बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (PDB) ने न तो लेटर ऑफ क्रेडिट (LC) जारी किया है और न ही बकाया राशि का भुगतान किया है।
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अडानी के अनुसार, बांग्लादेश पिछले कुछ महीनों से अधिक पैसे चुका रहा है, जिसके कारण बकाया भुगतान फिर से बढ़ गया है। इस बीच, बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता भी बढ़ी है, खासकर जब से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को हटाकर एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। इस राजनीतिक बदलाव का व्यापार पर गंभीर असर पड़ा है, जिससे बांग्लादेश में डर का माहौल व्याप्त हो गया है।
चेंगड़ाबांधा सीमा चौकी से पहले हर दिन 600-700 ट्रक बांग्लादेश जाते थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर लगभग 200 रह गई है। नॉर्थ बंगाल मोटर कर्मी संघ के अध्यक्ष मजीत इस्लाम ने कहा कि व्यापार में भारी कमी आई है, और ड्राइवर अब बांग्लादेश जाने में डर रहे हैं।
बांग्लादेशी नागरिकों का मानना है कि भारत के साथ अच्छे संबंधों से ही देश का विकास संभव है। बांग्लादेश के एक पर्यटक ने बताया कि हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय डर के माहौल में जी रहे हैं, जिसके चलते इस बार दुर्गापूजा का त्योहार भी पहले की तरह धूमधाम से नहीं मनाया गया।
बांग्लादेश में जारी बिजली संकट, व्यापार में गिरावट, और राजनीतिक अस्थिरता के कारण स्थिति चिंताजनक बनती जा रही है, जिससे देश में अंधकार और आर्थिक संकट का खतरा मंडरा रहा है।