Hezbollah Attack, Iron Dome की नाकामी, Haifa में मचा हाहाकार
11 नवम्बर को, Hezbollah ने उत्तरी इज़राइल पर एक बड़ा हमला किया, जिसमें उसने 165 से ज्यादा रॉकेट तेजी से दागे। इस हमले में एक बच्चे समेत सात लोग घायल हो गए। इज़राइल रक्षा बलों (IDF) के मुताबिक, गैलिली क्षेत्र पर करीब 50 रॉकेट दागे गए थे, जिनमें से कुछ को एयर डिफेंस सिस्टम ने रोक लिया। हालांकि, कई रॉकेट कारमील क्षेत्र और आसपास के शहरों को निशाना बनाने में सफल रहे।
सबसे गंभीर हमलों में से एक में, उत्तरी अरब शहर बिइना में एक महिला को छर्रे लगने से मामूली चोटें आईं। वहीं, 35 साल के पुरुष और एक साल की बच्ची की हालत स्थिर रही। टाइम्स ऑफ इज़राइल के अनुसार, इन तीनों को नहरिया के गैलिली मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया।
Hezbollah ने लिया हमले की जिम्मेदारी
Hezbollah ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उनका निशाना “कारमील बस्ती में पैराट्रूपर्स ब्रिगेड के लिए एक प्रशिक्षण बेस” था। कुछ ही समय बाद, IDF ने मलकिया के उत्तरी किबुत्ज के ऊपर लेबनान से लांच किए गए एक ड्रोन को नष्ट करने की जानकारी दी। इससे पहले दिन में, एक और ड्रोन पश्चिमी गैलिली के लिमन शहर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे झाड़ियों में आग लग गई।
Israel का दावा: ज्यादातर रॉकेटों को किया गया रोक
हाइफा पर हुए हमलों में ये सबसे बड़े हमले थे, जिसमें Hezbollah ने लगातार दो हमलों में लगभग 90 रॉकेट दागे। पहले हमले में, IDF ने बताया कि अधिकांश रॉकेटों को Iron Dome द्वारा रोका गया था, लेकिन कई रॉकेट आवासीय क्षेत्रों को भी निशाना बना गए। टाइम्स ऑफ इज़राइल के मुताबिक, दूसरे हमले में दागे गए 10 रॉकेटों को या तो रोक लिया गया या वे खुले क्षेत्रों में गिर गए।
Iron Dome की सफलता के बावजूद, इस हमले ने इसकी सीमाओं को भी उजागर किया। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में दागे गए रॉकेट और Hezbollah के हमले की सटीकता ने इज़राइल की सुरक्षा व्यवस्था की चुनौतियों को सामने ला दिया। कई रॉकेट न केवल residential areas में गिरें, बल्कि नागरिकों में दहशत भी फैल गई।
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दूतावास और युद्धविराम पर बातचीत
इस हमले के बाद, इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने लेबनान के साथ युद्धविराम की बातचीत में “कुछ प्रगति” की संभावना जताई। हालांकि, यह हमला Hezbollah और इज़राइल के बीच चल रही तनावपूर्ण स्थिति का एक स्पष्ट उदाहरण है, जिसमें मिसाइल और ड्रोन युद्ध का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
इन घटनाओं से यह साफ है कि Hezbollah की सैन्य क्षमता लगातार मजबूत हो रही है और इज़राइल को अपनी रक्षा प्रणाली में सुधार करने की जरूरत है। आने वाले समय में इस संघर्ष के प्रभाव और दोनों देशों के बीच की स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है।