‘Vanvaas’ फिल्म की समीक्षा: Nana Patekar और Utkarsh Sharma की फिल्म में गहरी भावनाओं की कमी
Vanvaas, जिसमें Nana Patekar और Utkarsh Sharma मुख्य भूमिका में हैं, माता-पिता और उनके बच्चों के बीच के बिगड़ते रिश्ते को दर्शाती है। यह फिल्म Baghban से प्रेरित दिखाई देती है, लेकिन इसके बावजूद, यह अपनी भावनाओं को ठीक से दर्शाने में असफल रहती है, और अंत में एक बोरिंग अनुभव बनकर रह जाती है।
कहानी: बिगड़ता हुआ माता-पिता-बच्चे का रिश्ता
माता-पिता और बच्चों के बीच का रिश्ता हमेशा पवित्र माना जाता है, लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? आजकल के समय में, बच्चे कभी-कभी अपने बुजुर्ग माता-पिता के लिए भावनात्मक और वित्तीय रूप से सक्षम नहीं होते। Anil Sharma, जो Gadar 2 के निर्देशक हैं, इस विचार को Vanvaas में दिखाने की कोशिश करते हैं, जहाँ बच्चे स्वार्थी होकर अपने माता-पिता को छोड़ देते हैं।
कहानी में, Deepak (Nana Patekar) अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद शोक में है और उसे डिमेंशिया (dementia) का निदान होता है। इसके चलते उसके बच्चों से उसका रिश्ता और भी बिगड़ जाता है। जब वह अपना घर एक ट्रस्ट को दान देने का फैसला करता है, तो उसके बच्चे उसे Varanasi में छोड़ आते हैं और उसे मरकर अपनी संपत्ति हासिल करने का षड्यंत्र करते हैं। इसी दौरान, एक अपरिचित व्यक्ति और ठग, Veeru (Utkarsh Sharma), उसे मिलता है और उसकी देखभाल करता है।
भावनात्मक जुड़ाव की कमी
जबकि Vanvaas की कहानी Baghban से मिलती-जुलती है, इसमें बच्चों का व्यवहार और भी क्रूर है। माता-पिता की भावनात्मक समस्याएं पूरी तरह से ठीक से नहीं दिखाई गईं। फिल्म में Deepak और Veeru के बीच का रिश्ता बहुत कमजोर और अधूरा है। उनकी मुलाकातों और संवादों में वह भावनात्मक गहराई नहीं है, जो इस तरह के रिश्ते में होनी चाहिए थी। एक स्थानीय शराब पर बातचीत भी भावनात्मकता की कमी महसूस कराती है।
परफॉर्मेंस और निर्देशन में कमी
फिल्म के संवाद भी दर्शकों पर कोई खास प्रभाव नहीं डालते और कई बार वे हंसी का कारण बन जाते हैं। Utkarsh Sharma और Simrat Kaur के बीच का रोमांस भी अधूरा लगता है और यह कहानी के मुख्य उद्देश्य से भटकता है। फिल्म की लंबाई 2 घंटे 40 मिनट है, जो धीमी गति से चलती है और दर्शकों का धैर्य आजमाती है।
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क्या यह फिल्म एक अच्छा अनुभव देती है?
Anil Sharma, जिन्होंने Gadar जैसी फिल्म बनाई, जो दर्शकों के दिलों में जगह बना गई, Vanvaas के साथ वही प्रभाव नहीं ला सके। फिल्म में कुछ राहत देने वाले दृश्य हैं, जैसे Rajpal Yadav का हास्य, लेकिन इसके बावजूद फिल्म में कुछ भी यादगार नहीं है।
Utkarsh Sharma ने Gadar 2 के बाद अच्छा अभिनय किया है, लेकिन Nana Patekar का प्रदर्शन बहुत साधारण है। उनकी एक्टिंग में गहरी भावनाओं की कमी है। Ashwini Kalsekar का अभिनय अति-प्राकृतिक है, जो फिल्म के माहौल को खराब करता है।
अंतिम विचार
Vanvaas एक अच्छी मंशा के साथ बनाई गई फिल्म है, लेकिन इसकी कमजोर प्रस्तुति और भावनात्मक कमी के कारण यह एक निराशाजनक अनुभव बनकर रह जाती है। अन्य बड़े सिनेमा जैसे Pushpa 2 और Baby John के बीच, यह फिल्म सिनेमाघरों में अधिक समय तक नहीं टिक पाएगी।