फिल्म पर आलोचना से नाराज हुए संदीप
संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘एनिमल’ बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर रही, लेकिन इसकी थीम को लेकर कई लोगों ने आलोचना की। हाल ही में, संदीप ने स्वीकार किया कि नकारात्मक रिव्यू फिल्मों के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने इस संदर्भ में पूर्व आईएएस अधिकारी और दृष्टि आईएएस कोचिंग के फाउंडर विकास दिव्यकीर्ति पर तंज कसा।
दर्शकों के प्यार से आलोचना बेअसर
संदीप ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी फिल्म को नकारात्मक समीक्षाएं मिलीं, लेकिन दर्शकों से जबरदस्त समर्थन के चलते इसका कोई असर नहीं हुआ। ‘एनिमल’ की माउथ पब्लिसिटी इतनी जबरदस्त रही कि निगेटिव रिव्यू इसे रोक नहीं सके। लोग थिएटर से बाहर आकर फिल्म की तारीफ कर रहे थे, जिससे फिल्म की लोकप्रियता और बढ़ी।
घंटों तक की गई फिल्म की आलोचना
संदीप ने बताया कि कुछ लोगों ने ‘एनिमल’ की आलोचना करते हुए दो-दो घंटे लंबे वीडियो बनाए। कुछ पैनल डिस्कशन में 4-10 लोग बैठकर फिल्म पर नेगेटिव बातें कर रहे थे। यहां तक कि एक व्यक्ति ने अपनी कार चलाते हुए 1.5 घंटे का वीडियो बना दिया। उन्होंने कहा कि समाज में कई गंभीर मुद्दे हैं, लेकिन लोग सिर्फ फिल्मों पर चर्चा करना पसंद करते हैं। उनके अनुसार, फिल्ममेकर्स को टारगेट करना सबसे आसान होता है।
आईएएस अधिकारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया
बिना नाम लिए विकास दिव्यकीर्ति पर तंज कसते हुए संदीप ने कहा कि एक आईएएस अधिकारी ने ‘एनिमल’ को इस तरह निंदा की, जैसे कि यह फिल्म बनाना कोई अपराध हो। उन्होंने उस अधिकारी के इंटरव्यू का जिक्र करते हुए कहा कि ‘एनिमल’ जैसी फिल्में नहीं बननी चाहिए।
आईएएस बनना आसान, फिल्म बनाना मुश्किल
संदीप ने कहा कि अगर कोई बेवजह हमला करेगा, तो गुस्सा आना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी बनने के लिए मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन अगर कोई दिल्ली जाकर 2-3 साल पढ़ाई करे तो आईएएस बन सकता है। लेकिन, फिल्म बनाना या लिखना कोई पढ़ाई से नहीं सीखा सकता। उन्होंने कहा कि कोई शिक्षक या किताब किसी को फिल्ममेकर नहीं बना सकती।