मिथुन चक्रवर्ती का हाथ टूट जाने के बावजूद, वे रैली में सक्रिय रहे और एक ओपन जीप की अगली सीट पर बैठकर कार्यक्रम में शामिल हुए। रैली स्वामी विवेकानंद के 1893 के शिकागो भाषण की याद में आयोजित की गई थी, और यह स्वामी विवेकानंद के पैतृक घर से शुरू होकर श्यामबाजार फाइव प्वाइंट क्रॉसिंग तक पहुंची। आयोजकों का कहना था कि यह रैली स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को याद करने और समाज में बढ़ती दुराचार की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए थी।
विरोध रुकना नहीं चाहिए
मिथुन चक्रवर्ती ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “यह विरोध रुकना नहीं चाहिए। बंगाल हमेशा से क्रांतिकारी इतिहास और उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष के लिए जाना जाता है। मुझे खुशी है कि अब बंगाल मौजूदा शासन के उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के खिलाफ जाग उठा है। यह एक स्व-स्फूर्त जन आंदोलन है।”
राजनीतिक रंग देने की कोशिश
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर ‘आरजी कर’ घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। पार्टी नेता कुणाल घोष ने कहा, “यह बिलकुल स्पष्ट है कि बीजेपी इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है। उन्हें पहले यह बताना चाहिए कि सीबीआई इतने दिनों से क्या कर रही है।”
मिथुन चक्रवर्ती के इस कदम ने विरोध प्रदर्शन को और भी जोरदार बना दिया है, और लोगों ने उन्हें उनके स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद रैली में शामिल होने के लिए धन्यवाद कहा है।