नेपोटिज्म पर खुलासा
रकुल प्रीत सिंह, जो पिछले 10 सालों से इंडस्ट्री में एक्टिव हैं, ने हाल ही में बॉलीवुड में नेपोटिज्म के मुद्दे पर अपनी बात रखी। रकुल ने साल 2014 में फिल्म “यारियां” से हिंदी सिनेमा में कदम रखा और जल्द ही अपने अभिनय के लिए प्रसिद्ध हो गईं। उन्होंने निर्माता और अभिनेता जैकी भगनानी से शादी की और अब हिंदी और साउथ सिनेमा दोनों में काम कर रही हैं।
रकुल प्रीत ने कहा कि नेपोटिज्म की वजह से कई बार उन्हें फिल्में खोनी पड़ीं। उनके मुताबिक, इंडस्ट्री में कई बार प्रतिभा की बजाय परिवारवाद को प्राथमिकता दी जाती है, जिससे उनके जैसे कलाकारों को अपने हक की फिल्में नहीं मिल पातीं। रकुल ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की और बताया कि कैसे इस भाई-भतीजावाद की वजह से उनके करियर में कई रुकावटें आईं।
उनकी मेहनत और टैलेंट को नजरअंदाज किया गया
रकुल ने अपने इंटरव्यू में बताया कि कई बार उनकी मेहनत और टैलेंट को नजरअंदाज किया गया क्योंकि वे फिल्म इंडस्ट्री के किसी बड़े परिवार से नहीं थीं। इसने उन्हें कई संभावनाओं से वंचित कर दिया। रकुल का कहना है कि ये स्थिति सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि कई अन्य टैलेंटेड कलाकारों के लिए भी है, जो कि परिवारवाद का शिकार होते हैं।
इंडस्ट्री के काले सच को उजागर किया
इस खुलासे से रकुल ने इंडस्ट्री के काले सच को उजागर किया है और दर्शकों को यह दिखाया है कि कैसे नेपोटिज्म आज भी एक बड़ा मुद्दा है। उनके इस बयान ने बॉलीवुड के भीतर चल रहे भाई-भतीजावाद के खिलाफ एक नई बहस को जन्म दिया है।
रकुल की ये बातें इंडस्ट्री के अंदरूनी संघर्ष को दर्शाती हैं और इस बात को भी उजागर करती हैं कि कैसे कई बार प्रतिभाशाली कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिलता। उनके अनुभव इस बात को साबित करते हैं कि बॉलीवुड में फेयर चांस के लिए एक ठोस सिस्टम की आवश्यकता है, जो हर किसी को समान अवसर प्रदान कर सके।
इंडस्ट्री में संघर्ष और बाधाएं भी कम नहीं
रकुल का ये इंटरव्यू उन लोगों के लिए भी एक आंख खोलने वाला है जो सोचते हैं कि बॉलीवुड सिर्फ ग्लैमर और सफलता से भरा है। वास्तव में, इस इंडस्ट्री में संघर्ष और बाधाएं भी कम नहीं हैं, खासकर जब बात नेपोटिज्म की आती है।
इस तरह के खुलासे बॉलीवुड की ग्लैमरस दुनिया के पीछे की कड़ी मेहनत और वास्तविकता को उजागर करते हैं। रकुल के अनुभव और उनके द्वारा की गई बातें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि इंडस्ट्री को अपनी संरचनाओं और पॉलिसी में बदलाव की आवश्यकता है, ताकि हर टैलेंटेड कलाकार को अपनी प्रतिभा दिखाने का समान अवसर मिल सके।