फिल्म ‘लापता लेडीज’ को ऑस्कर्स 2025 के लिए भारत की तरफ से नॉमिनेट किया गया है, लेकिन इसके साथ ही यह फिल्म एक विवाद का केंद्र बन गई है। किरण राव के प्रोडक्शन में बनी इस फिल्म ने कई बड़ी फिल्मों को पीछे छोड़ते हुए अपनी जगह बनाई है। हालांकि, इस उपलब्धि के साथ ही अब सोशल मीडिया पर फिल्म के मेकर्स और फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया को लेकर जबरदस्त आलोचना हो रही है। आइए, जानते हैं इस बवाल की पूरी कहानी।
फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की ट्रोलिंग
फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने ‘लापता लेडीज’ को ऑस्कर्स के लिए नॉमिनेट करते हुए जो दस्तावेज जारी किया है, उसमें कुछ ऐसी बातें लिखी गई हैं, जो लोगों को आपत्तिजनक लगी हैं। इसके चलते फेडरेशन को सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया जा रहा है। दस्तावेज में लिखा गया है कि भारतीय महिलाओं को “सबमिशन और डॉमिनेंस का मिश्रण” बताया गया है, जिसने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया है।
आपत्तिजनक बयान का विवाद
दस्तावेज का पहला वाक्य ही इस तरह से लिखा गया है कि कई सवाल खड़े हो गए हैं। यूजर्स ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस परिभाषा ने न सिर्फ समस्या पैदा की है, बल्कि यह समाज को एक गलत मैसेज भी दे रही है। दरअसल, फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की चयन समिति में सभी 13 सदस्य पुरुष हैं, जिससे बवाल और भी बढ़ता जा रहा है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
यूजर्स ने फेडरेशन की इस डेफिनेशन को लेकर कई नकारात्मक कमेंट्स किए हैं। एक यूजर ने मजाक में लिखा, “शायद ये ChatGPT ने लिखा है।” वहीं, दूसरे यूजर ने कहा, “मैंने फिल्म नहीं देखी लेकिन इतना तो जानता हूं कि फिल्म ऐसा कोई मैसेज नहीं देती।” इस तरह के कमेंट्स से साफ है कि फेडरेशन की यह टिप्पणी लोगों को काफी परेशान कर रही है।
फिल्म की कहानी
‘लापता लेडीज’ की कहानी दो गांव की दुल्हनों के इर्द-गिर्द घूमती है। इन दोनों के सपने अलग हैं, लेकिन वे गलती से रेलवे स्टेशन पर एक-दूसरे के साथ बदल जाती हैं। यह घटना उनके और उनके आस-पास के लोगों के लिए काफी अजीब हो जाती है, क्योंकि दोनों दुल्हे एक-दूसरे से बदल जाते हैं।
फिल्म की संभावनाएं
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस विवाद का असर फिल्म की ऑस्कर में एंट्री पर पड़ेगा। जब भी कोई भारतीय फिल्म ऑस्कर्स के लिए नॉमिनेट होती है, तो वह उम्मीदों और प्रतिक्रियाओं का केंद्र बन जाती है। लेकिन इस बार, ‘लापता लेडीज’ विवादों के बीच फंसी हुई है, जिससे इसके मेकर्स और कलाकारों को एक नया चैलेंज सामना करना पड़ रहा है।
किरण राव का बयान
किरण राव, जो इस फिल्म की निर्माता हैं, ने इस विवाद पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। उनका इस मुद्दे पर क्या रुख होगा, यह देखना रोचक होगा। क्या वे इस ट्रोलिंग का जवाब देंगी या इसे नजरअंदाज करेंगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
निष्कर्ष
‘लापता लेडीज’ की ऑस्कर में एंट्री एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन साथ ही इसमें शामिल विवाद ने फिल्म के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। फेडरेशन की टिप्पणियों ने जहां एक ओर फिल्म के प्रति लोगों की भावनाएं भड़काई हैं, वहीं दूसरी ओर यह भारतीय सिनेमा में और भी चर्चाएं पैदा कर रही हैं। फैंस अब देखना चाहेंगे कि क्या इस फिल्म को ऑस्कर में सफलता मिलती है या यह विवाद उसके रास्ते में रुकावट बनेगा।
अब, यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस विवाद का क्या हल निकलता है और क्या ‘लापता लेडीज’ अपनी ऑस्कर यात्रा को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा पाएगी।