इंस्पेक्टर को भी गुस्सा आया तो उसने भी कह दिया तो मेरे खिलाफ कार्यवाही कराओ । हालाकि यह तकरार आमने सामने नहीं बल्कि वीडियो कॉल में हो रही थी । जिसमे अंततः तथा कथित इंस्पेक्टर ने फोन काटना ही उचित समझा । दरअसल आपस में टकराने वाले दो खाकी वर्दी धारियों में से एक तो पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सायबर सेल मे पदस्थ आरक्षक था , लेकिन दूसरा खाकी वर्दीधारी जिसके कंधे पर तीन -तीन सितारे जड़े हुए थे ,वह कोई इंस्पेक्टर नहीं बल्कि लोगों के साथ आनलाइन ठगी करने वाले ठग गिरोह का एक सदस्य था । जो पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर कर एक युवक को झांसा देते हुए डरा धमकाकर उससे रुपए ऐंठना चाह रहा था ।
लेकिन उक्त युवक फोन आने के दौरान पुलिस अधीक्षक कार्यालय के ही आसपास था ,इसलिए वह तुरंत जालसाज से बात करते हुए सायबर सेल शाखा में पहुँचा ,जहां मौजूद आरक्षक सत्य प्रकाश मिश्रा से युवक की मुलाक़ात हुई । और फिर पुलिसकर्मी ने तथा कथित इंस्पेक्टर बनाम ठग से बातचीत की और उसे जमकर लताड़ लगाई । जब ठग को यह आभाष हो गया कि युवक सच में असली पुलिस के पास पहुँच गया है तो फिर उसने फोन काट दिया । इस प्रकार साइबर सेल शहडोल पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा आवेदक को डिजिटल अरेस्ट जैसे भ्रम से निकाल कर फ्रॉड होने से बचा लिया गया ।
युवक के साथ क्या हुआ था
जानकारी के अनुसार आशीष कुमार सेन पिता चंद्रशेखर सेन निवासी पामगढ़ जिला जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ है, आवेदक जांजगीर चांपा से शहडोल अपने रिश्तेदार को छोड़ने आया था । रास्ते में एक अज्ञात मोबाइल नंबर से फोन आया और वह स्वयं को पुलिस अधिकारी बताकर आवेदक से बात करने लगा और बताया कि आपके द्वारा लगातार अश्लील वीडियो देखे जा रहे हैं जिस कारण से आपके विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जा रहा है और आपको पकड़कर जेल भेज दिया जाएगा, यदि जेल नहीं जाना है तो 61,हजार रुपए दीजिए, मै लिंक भेज रहा हूँ और किसी से चर्चा नहीं करना। आवेदक बहुत डर गया था वह धैर्य दिखाते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय साइबर सेल शहडोल पहुंचा, साइबर सेल की टीम द्वारा आवेदक को बताया गया कि परेशान मत हो तभी जालसाज का पुनः वीडियो कॉल आया, साइबर सेल टीम द्वारा जालसाज से बात कर फटकार लगाई गई और आवेदक को फ्रॉड होने से बचाया गया।
सावधानियां बरतने की अपील
पुलिस द्वारा ऐसे जालसाजी से बचने के लिए पुलिस अधीक्षक द्वारा लगातार साइबर अपराधों को रोकने के लिए अभियान / कार्यक्रम / संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है और लोगों को जागरुक कर फ्रॉड होने से बचाने की कार्रवाई की जा रही है।आमजन से अपील करते हुए कहा गया है कि किसी अज्ञात मोबाइल नंबर से पुलिस अधिकारी ,सीआईडी एवं क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर यदि किसी जालसाज द्वारा फोन करके डराकर पैसे की मांग की जाती है तो डरे नहीं बल्कि नजदीकी पुलिस थाने से संपर्क करे। साइबर फ्रॉड होने पर तत्काल एनसीआरपी पोर्टल के टोल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं । साथ ही अपने व्हाट्सएप की मीडिया ऑटो डाउनलोड ऑप्शन बंद करके रखे।