आखिरकार घटना के तीन दिन बाद गिरफ्तार कर ही लिया । जबकि चोरी की मूर्ति पुलिस ने दूसरे दिन ही एक बर्तन व्यवसायी से बरामद कर ली थी ,जिसे आरोपी द्वारा उक्त मूर्ति बेचीं गयी थी । बीते 6 जनवरी को मंदिर से मूर्ति चोरी हो जाने की शिकायत मोहन पुजारी के द्वारा पुलिस से की गई थी । आरोपी के विरूद्ध चोरी का अपराध धारा 331 (4), 305 (d) BNS के तहत कायम कर विवेचना में लिया गया था ।
उक्त मूर्ति को शुभम जायसवाल उर्फ गौरव के द्वारा सोहागपुर गढ़ी के निखिल गुप्ता की दुकान पर बेचा गया जिसपर दुकानदार के द्वारा मूर्ति लेकर इसकी सूचना पुलिस को दी गई। दुकानदार निखिल गुप्ता के द्वारा पेश करने पर मूर्ति को तुलिस के कब्जे में ले लिया गया था । उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी भूपेन्द्र मणि पांडे, उनिरीक्षक आनंद कुमार झारिया, सउनि रामनारायण पांडे, प्रधान आरक्षक संतोष सिंह, अरविंद पयासी, रामनिवास पांडे, सुरेंद्र पटेल, हरेंद्र रावत, आरक्षक गजरूप सिंह,
पवन सिंह परिहार, विवेक झारिया एवं सायबर सेल से आरक्षक सत्यप्रकाश मिश्रा की सराहनीय भूमिका रही।
बाद में व्यापारी को चला पता
विदित हो किआरोपी से मूर्ति खरीदने के कुछ समय बाद बर्तन व्यवसायी को पता चला कि भगवान् कृष्ण की एक मूर्ति सोहागपुर थाना क्षेत्र में स्थित पौंनाग मंदिर से भी चोरी हुई है । जिसके बाद दुकानदार ने आनन् फानन में सम्बन्धित सोहागपुर थाना पुलिस को इसकी सूचना दी थी । जिसके बाद साफ़ हुआ कि यह मूर्ति तो मंदिर से चुराई गयी मूर्ति ही है । जिसे पुलिस ने अपने सुपुर्द ले लिया था ।
आरोपी की हो चुकी थी पहचान
दुकानदार के पास जब युवक भगवान कृष्ण की मूर्ति लेकर पहुंचा तो दुकानदार को शक हुआ की यह चोरी की मूर्ति ना हो ।जिसको लेकर दुकानदार ने अपने बचाव के लिए युवक का पहला वीडियो बनाया और मूर्ति के साथ वीडियो में युवक कह रहा है कि वह अपने घर से अपनी मां से पूछ कर यह मूर्ति बेचने आया है। युवक ने अपना नाम शुभम बताया था। दुकानदार ने बताया कि वह मूर्ति खरीदते समय युवक से उसका पैन कार्ड भी लिया था, जो अब पुलिस के पास है।युवक के घर में पुलिस ने जब दबिश दी तो युवक वहां से फरार हो गया था।