यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी, वनडे वन शिफ्ट और नॉर्मलाइजेशन खत्म करने की मांग
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। छात्र मांग कर रहे हैं कि पीसीएस प्री 2024 और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाए, साथ ही मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को समाप्त किया जाए।
मंगलवार को मोमबत्ती जलाकर विरोध जताया
मंगलवार को हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने आयोग के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने रात में मोमबत्तियां जलाकर अपने विरोध को अनूठे तरीके से व्यक्त किया। छात्र कहते हैं कि जब तक उनकी मांगों पर आयोग लिखित आश्वासन नहीं देता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। छात्रों ने UPPSC अध्यक्ष संजय श्री नेत के खिलाफ पोस्टर लगाए और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। पुलिस प्रशासन इस दौरान मूकदर्शक बना रहा।
आयोग के निर्णय पर छात्रों का विरोध
आयोग ने दो दिन में अलग-अलग शिफ्टों में परीक्षाएं आयोजित करने और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू करने का निर्णय लिया है। हालांकि, छात्रों का आरोप है कि आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया कि नॉर्मलाइजेशन कैसे लागू होगा। छात्रों का कहना है कि यह फॉर्मूला वैज्ञानिक रूप से कारगर नहीं है और इससे पहले भी इस तरह की परीक्षाएं विवादों में रही हैं।
आयोग का पक्ष: परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखना
आयोग ने अपने पक्ष में कहा कि यह निर्णय छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए और परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने के लिए लिया गया है। आयोग ने कहा कि दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी की संभावना को देखते हुए केवल सुरक्षित केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की जा रही है।
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आयोग ने भ्रामक जानकारी देने के आरोप लगाए
आयोग ने यह भी कहा कि अराजक तत्वों और नकल माफिया द्वारा छात्रों को भ्रामक जानकारी देकर आंदोलन भड़काने का प्रयास किया जा रहा है। आयोग का कहना है कि वे छात्रों के हितों को संरक्षित करने के लिए पारदर्शी चयन प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं।
छात्रों ने आयोग को सरकारी कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाने का सुझाव दिया
छात्रों ने आयोग को सुझाव दिया है कि यदि पर्याप्त परीक्षा केंद्र नहीं हैं, तो सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया जा सकता है। उनका कहना है कि दो दिन की परीक्षा से पेपर लीक की संभावना बढ़ सकती है, जिसे आयोग को गंभीरता से विचार करना चाहिए। आयोग के सचिव अशोक कुमार ने बयान जारी कर कहा कि परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को ही नियत तिथि पर होगी और छात्रों को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। इस बीच, छात्रों के आंदोलन को लेकर राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने छात्रों की मांगों को जायज ठहराया है, जिससे प्रशासन और आयोग पर आंदोलन को खत्म कराने का दबाव बढ़ गया है।