हमीरपुर के जरिया थाना क्षेत्र में एक महिला की चलती कार में गला घोंटकर हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें उसके पति और पुत्र की हत्या के प्रयास भी शामिल हैं। पुलिस ने कार चालक संजीव कुमार और उसके साथी कल्लू उर्फ फूफा को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उन्हें पूछताछ में कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं मिल पाई है। दोनों आरोपी अब जेल में हैं, जबकि संजीव कुमार की भूमिका पर संदेह जताया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि वह आरोपियों के बारे में पूरी जानकारी रखता है, लेकिन जानबूझकर उन्हें गुमराह कर रहा है। मामले की गहन जांच जारी है।
कानपुर में सूरज यादव, जो गुजैनी में एक जूता फैक्ट्री में काम करते हैं, की पत्नी अमन (35) की हत्या उनके बगल में रहने वाले किरायेदार त्रिभुवन उर्फ चतुर्भुज उर्फ चतुर सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर चलती कार में गला घोंटकर की।
त्रिभुवन उर्फ चतुर सिंह ने 21 सितंबर की रात लगभग 12 बजे चित्रकूट दर्शन का बहाना बनाकर अमन को कार में ले जाकर जरिया थानाक्षेत्र के गोहांड कस्बे के पास हत्या की। उसके साथ कानपुर से वीर सिंह और कार चालक संजीव कुमार थे, जबकि कल्लू उर्फ फूफा जालौन जनपद के जोल्हूपुर मोड़ पर उनसे मिला।
इसके अलावा, त्रिभुवन ने सूरज और उसके बेटे रामजी की भी गला घोंटकर हत्या करने का प्रयास किया, लेकिन वे दोनों बच गए। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई कार को बरामद कर लिया है और चालक को हिरासत में लिया है। उसकी निशानदेही पर अमन का शव भी बरामद किया गया।
सोमवार देर शाम, पुलिस ने दूसरे आरोपी कल्लू उर्फ फूफा, जो सदरी कानपुर देहात का निवासी है, को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए दोनों आरोपी वारदात के कारणों के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके।
आशंका है कि वारदात से पहले पीड़ित परिवार को कानपुर से लाने और आरोपियों को छोड़ने की सभी जानकारी कार चालक संजीव को थी, क्योंकि वह आरोपियों का परिचित है। संजीव को चित्रकूट ले जाने के लिए वीर सिंह ने त्रिभुवन (चतुर सिंह) के कहने पर बुक किया था।
संजू को कल्लू के साथ भी जान-पहचान थी, और वह कार को आरोपियों के इशारे पर चला रहा था। यदि उसे साजिश की जानकारी नहीं होती, तो वह कार को किसी थाने में ले जाकर खड़ा कर सकता था। जोल्हूपुर मोड़ पर उसने कल्लू को भी साथ लिया, जिसने मिलकर वारदात को अंजाम दिया।
हालांकि, पुलिस संजीव से असली वजह जानने में असमर्थ है। एसपी डॉ. दीक्षा शर्मा ने बताया कि जांच टीमें लगी हैं, लेकिन वारदात का मुख्य कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
वारदात की जानकारी
वारदात को राठ कस्बे से गोहांड के बीच करीब 12 किमी की दूरी पर अंजाम दिया गया। आरोपियों ने सूरज के साथ राठ से लगभग 3 से 4 किमी दूर हमला किया। इसके बाद सूरज के बेटे रामजी को गोहांड कस्बे के पास मरणासन्न हालत में फेंक दिया गया। वहीं, गोहांड कस्बे में सीएचसी के पास, सड़क के किनारे खेतों में अमन के सिर को कूचकर झाड़ियों में छिपा दिया गया।
अनसुलझे सवाल
महिला की हत्या के मामले में कई सवाल अनसुलझे हैं। पुलिस जांच कर रही है, लेकिन अभी तक कुछ प्रमुख सवालों के जवाब नहीं मिले हैं, जैसे:
- हत्या का कारण क्या था?
- मुख्य आरोपी कौन है?
- कार चालक पुलिस को क्यों गुमराह कर रहा है?
- क्या सूरज की भूमिका संदिग्ध है?
सूरज का कहना है कि जब आरोपी उसका गला घोंट रहे थे, तो उसने कार का गेट खोलकर कूदने की कोशिश की। लेकिन, कार का सेंट्रल लॉक लगे होने पर चलते समय गेट नहीं खुल सकता। क्या कार चालक ने जानबूझकर लॉक खोला ताकि सूरज कूद सके?
इसके अलावा, सूरज कार से कूदने के बाद रात में थाने नहीं गया और सुबह पुलिस में शिकायत की। इतनी देर करने की वजह क्या थी? इन सवालों का जवाब पुलिस अभी तक नहीं दे पाई है।