शिकायतकर्ता महिला चिकित्सक के ट्रांसफर के उक्त आदेश में उल्लेख किया गया है कि उक्त महिला चिकित्सक के ट्रांसफर के लिए कलेक्टर शहडोल के द्वारा दिनांक 10 सितम्बर 2024 को प्रस्ताव भोपाल भेजा गया था । जिसके अनुक्रम में विचारोपरांत यह स्थानान्तरण सिविल अस्पताल विजयराघोगढ़ जिला कटनी कर दिया गया है । इसके बाद अब यह चर्चा है कि एक महिला चिकित्सक के द्वारा सिविल सर्जन डाक्टर जीएस परिहार के खिलाफ लगाए गए आरोपों की किस प्रकार की जांच कलेक्टर ने कराई कि जांच के बाद अब उन्हें ( कलेक्टर को ) महिला डाक्टर के ट्रांसफर के लिए प्रस्ताव भेजना पड़ा । जबकि जांच रिपोर्ट अब भी सार्वजनिक नहीं हुई है । उसे लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं ।
क्या शिकायत की मिली सजा ?
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना के बाद शहडोल जिले में भी एक महिला चिकित्सक को और प्रताड़ित किए जाने का मामला सामने आ रहा है। शहडोल जिला चिकित्सालय में अनुबंध के तहत पदस्थ महिला चिकित्सक द्वारा अस्पताल के सिविल सर्जन के खिलाफ प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई तो उसे न्याय की जगह जिले से बाहर ट्रांसफर के रूप में सजा मिली ? यह सवाल हर जनमानस के मस्तिष्क पर उठ रहा है ।
आला अधिकारियों से की थी शिकायत
विदित हो कि महिला चिकित्सक द्वारा कई बार कलेक्टर, कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों को लिखित शिकायत देकर जिला चिकित्सालय में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ जी एस परिहार पर प्रताड़ना के आरोप लगाए गए थे। इस शिकायत के बाद कलेक्टर द्वारा अपने स्तर से जांच टीम का गठन किया गया था। जांच टीम का प्रतिवेदन सामने आने के पहले ही उक्त डाक्टर को ही हटा दिया गया।जांच के आदेश के बाद ही शिकायतकर्ता महिला चिकित्सक द्वारा एक वीडियो जारी किया गया था, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहित तमाम अधिकारियों से गुहार लगाई थी कि सिविल सर्जन को हटाए बिना निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती, लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि उसकी बात सुने बिना और उसको न्याय देने की बजाय उसे ही हटा दिया गया। इस कार्रवाई को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या महिला कर्मचारियों को प्रताड़ना की शिकायत की ऐसे ट्रांसफर के रूप में सजा मिलेगी ?
आवाज उठाया तो हटा दिए गये
सिविल सर्जन डाक्टर परिहार के खिलाफ पूर्व में भी कई बार शिकायत व आरोप के मामले सामने आ चुके हैं , महिला चिकित्सक का अचानक तबादला होने के बाद अब यह चर्चा हो चली है कि जिसने भी सिविल सर्जन के खिलाफ शिकायत की उसे हटाना पड़ा। डाक्टर राजा सीतलानी जो कभी कभार अपनी आवाज बुलंद करते थे उनको जयसिंहंगर जाना पड़ा। इसके बाद एक्सरे विभाग में आवाज उठाने पर एक कर्मचारी को सस्पेंड होना पड़ा। अब महिला चिकित्सक के ट्रांसफर के बाद फिर से मामला गर्म होता नजर आ रहा है ।
इस सम्बन्ध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता के. के. मिश्रा से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि एक तरफ तो प्रदेश की भाजपा सरकार महिला शसक्तिकरण की बात करती है , तो वहीँ दूसरी तरफ एक उच्च शिक्षित महिला चिकित्सक को प्रताड़ित किया जा रहा है ,यह कैसा न्याय ?
स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार वाले जिले का हाल
विदित हो कि जिस शहडोल जिले की एक महिला चिकित्सक के प्रताड़ना का यह मामला चर्चाओं में है ,उस विभाग ( स्वास्थ्य ) के मंत्री राजेन्द्र शुक्ल यहाँ के प्रभारी मंत्री हैं । अब यह मामला उनके संज्ञान में है अथवा नहीं यह तो नहीं पता ,लेकिन एक महिला चिकित्सक के साथ ऐसा व्यवहार होना शायद उनके लिए भी चिंता का विषय हो सकता है । बहरहाल अब वह ही इस बात का पता लगा सकतें है कि कलेक्टर ने किन परिस्थितियों में शिकायत करने वाली महिला चिकित्सक के ट्रांसफर के लिए प्रस्ताव यहाँ से भेजा था । जिसके बाद उसी आधार पर डाक्टर राजू निदारिया वरिष्ठ संयुक्त संचालक (विज्ञप्त ) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाए मध्यप्रदेश द्वारा महिला चिकित्सक का कटनी ट्रांसफर कर दिया ,साथ ही कलेक्टर के प्रस्ताव का जिक्र भी ट्रांसफ़र आदेश में किया गया है ।
महिला चिकित्सक के ट्रांसफर का आदेश ,जिसमे कलेक्टर के प्रस्ताव भेजने का उल्लेख किया गया है .
