वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट की अहम सुनवाई आज, अंतरिम आदेश की उम्मीद
वक्फ संशोधन कानून 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर से सुनवाई होगी। बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने संकेत दिया कि वह कानून के कुछ प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगा सकता है। विशेष रूप से कोर्ट ने “वक्फ बाई यूजर” यानी उपयोग के आधार पर घोषित की गई वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित (डीनोटीफाइ) न करने का आदेश देने की संभावना जताई है।
केंद्र सरकार की सुनवाई के बाद होगा फैसला
कोर्ट ने साफ किया कि किसी भी आदेश से पहले केंद्र सरकार और कानून का समर्थन करने वाले याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनी जाएंगी। इसी वजह से मामले की सुनवाई गुरुवार तक टाल दी गई है। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ ने दोनों पक्षों से गहन सवाल पूछे।
तीन बिंदुओं पर आ सकता है अंतरिम आदेश
कोर्ट द्वारा जिन बिंदुओं पर अंतरिम आदेश की संभावना जताई गई है, वे हैं:
- वक्फ बाई यूजर संपत्तियों को डीनोटीफाइ करने पर रोक
- वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति
- कलेक्टर की जांच तक संपत्तियों को वक्फ न मानने वाला प्रावधान
सीजेआई ने उठाए गंभीर सवाल
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या हिंदू धर्मार्थ ट्रस्टों में मुस्लिमों को शामिल करेंगे? साथ ही कोर्ट ने अनुच्छेद 26 का हवाला देने वाले याचिकाकर्ताओं को यह भी याद दिलाया कि संसद को कानून बनाने से यह अनुच्छेद नहीं रोकता।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्डों में पदेन सदस्यों को छोड़कर सभी सदस्य मुस्लिम ही होने चाहिए। वक्फ बाई यूजर का मतलब है, वो संपत्ति जो लंबे समय से धार्मिक उपयोग में हो, भले ही कोई लिखित दस्तावेज न हो।
70 से ज्यादा याचिकाएं हुईं दाखिल
अब तक वक्फ कानून के खिलाफ 70 से अधिक याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। इनमें अधिकतर याचिकाओं में वक्फ संशोधन कानून 2025 को असंवैधानिक बताकर रद्द करने की मांग की गई है। वहीं कुछ याचिकाएं कानून के पक्ष में भी हैं।
कोर्ट ने हिंसा पर जताई चिंता
सुनवाई के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के विरोध में हुई हिंसा पर गहरी चिंता जताई। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश के किसी हिस्से में हिंसा नहीं होनी चाहिए। बंगाल के मुर्शिदाबाद और भानगढ़ में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसक घटनाएं और पलायन जैसी चिंताजनक बातें सामने आई हैं।
कुछ प्रावधानों की तारीफ भी
जस्टिस केवी विश्वनाथन ने वक्फ कानून के कुछ सकारात्मक बिंदुओं की भी सराहना की, जिसे सीजेआई ने भी समर्थन देते हुए कहा कि अच्छे प्रावधानों को भी उजागर किया जाना चाहिए। कोर्ट का रुख अब गुरुवार को होने वाली अगली सुनवाई में और स्पष्ट होगा।